इंद्रियां हैं संसार समझने के उपकरण
संसार प्रत्यक्ष है। संसार समझने के लिए प्रकृति-प्रदत्त पाँच इन्द्रियाँ है। आँख से देखते हैं, कानों से सुनते हैं। त्वचा से स्पर्श करते हैं। जीभ से स्वाद लेते हैं और…
संसार प्रत्यक्ष है। संसार समझने के लिए प्रकृति-प्रदत्त पाँच इन्द्रियाँ है। आँख से देखते हैं, कानों से सुनते हैं। त्वचा से स्पर्श करते हैं। जीभ से स्वाद लेते हैं और…
भारतीय साहित्य में सृजन के सर्वोच्च सम्मान प्रदान करने वालों की दृष्टि 1965 के बाद दूसरी बार संस्कृत भाषा पर पड़ी है। इस बार यह पुरस्कार संस्कृत और उर्दू को…