Kahani: प्रशंसनीय झूठ

Kahani: मम्मी-मम्मी, मैं उस बुढिया के साथ स्कूल नहीं जाउँगा, न ही उसके साथ वापस आउँगा। मेरे दस वर्ष के बेटे ने गुस्से से अपना स्कूल बैग फेंकते हुए कहा…

Kahani: व्यर्थ की चिंता

Kahani: एक व्यक्ति बहुत दिनों से तनावग्रस्त चल रहा था, जिसके कारण वह काफी चिड़चिड़ा तथा क्रोध में रहने लगा था। वह सदैव इस बात से परेशान रहता था कि…

Prerak Prasang: परिश्रम रूपी धन

Prerak Prasang: सुन्दरपुर गांव में एक किसान रहता था। उसके चार बेटे थे। वे सभी आलसी और निक्कमे थे। जब किसान बुढ़ा हुआ तो उसे बेटों की चिंता सताने लगी।…

Prerak Prasang: संगति, परिवेश और भाव

Prerak Prasang: एक राजा अपनी प्रजा का भरपूर ख्याल रखता था। उसके राज्य में अचानक से चोरी की शिकायतें बहुत आने लगीं। कोशिश करने से भी चोर पकड़ा नहीं गया।…

Kahani: पिता का आशीर्वाद

Kahani: जब मृत्यु का समय निकट आया तो पिता ने अपने एकमात्र पुत्र धर्मपाल को बुलाकर कहा कि बेटा मेरे पास धन-संपत्ति नहीं है कि मैं तुम्हें विरासत में दूं।…

Kahani: चार मोमबत्तियां

Kahani: रात का समय था। चारों ओर पूरा अंधेरा छाया हुआ था। केवल एक ही कमरा प्रकाशित था। वहाँ चार मोमबत्तियाँ जल रही थी। चारों मोमबत्तियाँ एकांत देख आपस में…

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