संगदिल मैं नहीं
चांद से जा मोहब्बत करी चांदनी। रात काली अमावस अकेले रही।। याद में उसके मैं तो तड़पता रहा। वो तो साजन की बांहों में लिपटी रही।। ना कमी कोई मैंने…
चांद से जा मोहब्बत करी चांदनी। रात काली अमावस अकेले रही।। याद में उसके मैं तो तड़पता रहा। वो तो साजन की बांहों में लिपटी रही।। ना कमी कोई मैंने…