लखनऊ। सावन का महीना देवों के देव महादेव को समर्पित किया जाता है और भगवान शिव की उपासना के लिए सावन मास को सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। इस महीने शिव भक्त अगर श्रद्धा-भाव से भगवान शिव की पूजा करें तो उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती है। हर साल सावन महीने की शुरुआत आषाढ़ माह की पूर्णिमा तिथि के अगले दिन से होती है। लेकिन इस बार एक अद्भुत संयोग बनने जा रहा है। इस बार सावन एक महीना 30 दिन की बजाय 59 दिन का होगा और 8 सावन सोमवार होंगे। ऐसा संयोग कई वर्षों बाद बन रहा है। बता दें कि, वैदिक पंचांग की गणना सौर मास और चंद्र मास के आधार पर की जाती है, जिसमें चंद्र मास 354 दिनों का होता है। वहीं सौर मास 365 दिन का। दोनों में 11 दिन का अंतर आता है और तीसरे साल यह अंतर 33 दिन का हो जाता है, जिसे अधिक मास कहा जाता है। ऐसे में इस बार सावन दो महीने का होने वाला है। धर्म शास्त्रों के अनुसार अधिक मास के स्वामी भगवान विष्णु हैं। इस बार सावन का महीना 4 जुलाई से शुरू होकर 31 अगस्त तक चलेगा। इस कारण इस साल सावन सोमवार भी 4 की बजाय 8 होंगे। वहीं, इस बीच 18 जुलाई से 16 अगस्त तक सावन अधिरमास रहेगा। इसे मलमास व पुरुषोत्तम माह भी कहा जाता है। सावन का महीना भगवान शिव जी को समर्पित है। ऐसे में इस बार सावन और अधिकमास साथ में पड़ने से भगवान शिव शंकर के साथ विष्णु की भी कृपा प्राप्त होगी।
…तो इस वजह से इस बार होगा 59 दिन का होगा सावन
Related Posts
Pauranik Katha: धृतराष्ट्र, पाण्डु और विदुर के जन्म की कथा
Pauranik Katha: हस्तिनापुर नरेश शान्तनु और रानी सत्यवती के चित्रांगद और विचित्रवीर्य नामक दो पुत्र हुए। शान्तनु का स्वर्गवास चित्रांगद और विचित्रवीर्य के बाल्यकाल में ही हो गया था इसलिये…
अग्नि है पुरोहित- न कटेगा, न जलेगा, न मिटेगा
आचार्य प्रमोद दुबे पुरोहित शब्द अर्थात पद जनतंत्र में बाधक प्रतीत होता है, पुरोहित अत्यल्प संख्यक है, संख्या/ मात्रा की दृष्टि से हटाइए। गुण के कारण पुरोहित पद नहीं हटेगा।…