बस्ती: संयुक्त किसान मोर्चा के आवाहन पर सोमवार को भारतीय किसान यूनियन पदाधिकारियोें ने जिलाध्यक्ष जयराम चौधरी के नेतृत्व में बस्ती रेलवे स्टेशन पर रेल रोककर विरोध प्रदर्शन करने का प्रयास किया। बारिश के बीच प्रशासन के दबाव के चलते कार्यक्रम पंचायत में बदल गया। आन्दोलित किसान तीन काले कृषि कानूनों की वापसी, एमएसपी पर कानूनी गारन्टी और केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के बर्खास्तगी की मांग कर रहे थे। मौके पर पहुंचे उप जिलाधिकारी सदर को किसानों ने राष्ट्रपति को सम्बोधित 4 सूत्रीय मांग पत्र सौंपा।
किसान पंचायत को सम्बोधित करते हुये भाकियू के प्रदेश सचिव दिवान चन्द पटेल ने कहा कि केन्द्र की भाजपा सरकार लोकतांत्रिक लोकलाज खो बैठी है वरना लखीमपुर किसान हत्याकाण्ड में अब तक केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी को पद से हटा दिया गया होता। कहा कि जब तक अजय मिश्र टेनी पद पर रहेंगे किसानों को न्याय मिल पाना संभव नहीं है। कहा कि पिछले 11 माह से किसान अपनी मांगों को लेकर आन्दोलित हैं किन्तु केन्द्र की भाजपा सरकार हठवादिता का परिचय दे रही है। आगामी 26 अक्टूबर को संयुक्त किसान मोर्चा के लखनऊ में आयोजित किसान महापंचायत में बड़ी संख्या में किसान मजदूर हिस्सा लेंगे।
किसान पंचायत को रामनवल किसान, शोभाराम ठाकुर, राम मनोहर, पंचराम, डा. आरपी चौधरी, का. केके तिवारी, रमेश सिंह, सी.के. शाही, श्याम मनोहर जायसवाल आदि ने सम्बोधित किया। कहा कि तीन काले कृषि कानूनों की वापसी, एमएसपी पर कानूनी गारन्टी और केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के बर्खास्तगी के साथ ही बिजली मूल्य और बिल प्रेषण प्रक्रिया को सुधारा जाय। कहा कि अब तक आन्दोलन में लगभग 700 किसान शहीद हो गये किन्तु सरकार संवादहीनता बनाये हुये है। इसे बर्दाश्त नहीं किया जायेगा, किसान डरने वाले नहीं हैं, यही हाल रहा तो डराने वाले राजनीतिक दल समाप्त हो जायेंगे। कहा कि भाजपा सरकार ने किसानों की आय दो गुना करने का सपना दिखाया था, किसान आने वाले चुनाव में इसका हिसाब मांगगे।
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किसान पंचायत में मुख्य रूप से अनूप चौधरी, पारसनाथ गुप्ता, रामचन्दर सिंह, त्रिवेनी, राम कृष्ण, फूलचन्द, घनश्याम, राजेन्द्र प्रसाद, पंचराम, विनोद कुमार, गौरीशंकर, दीप नरायन, चन्द्र प्रकाश, राम सूरत, कन्हैया प्रसाद, हरि प्रसाद, उर्मिला देवी, रामलौट, नवनीत यादव, नाटे चौधरी, रामनयन, सत्यराम, राम प्रकाश, शिव मूरत, अभिलाष श्रीवास्तव, बुद्धिराम के साथ ही बड़ी संख्या में किसान मजदूर शामिल रहे।
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