प्रकाश सिंह
लखनऊ: वर्दी का नशा ही कुछ ऐसा है कि इसे पहनने वाला इंसान नहीं रह जाता है। इसलिए उससे इंसानियत की उम्मीद भी नहीं की जाती है। पुलिस में कुछ गिने चुने चेहरे मिल जाएंगे जो इंसानियत के लिए मिसाल हों बाकी अधिकत्तर चेहरे ऐसे हैं जो मानवता के नाम पर कलंक हैं। पैसों के लिए किसी को अपराधी बना देना, किसी को कभी भी, कहीं भी बेज्जत कर देना वर्दीधारियों की आदत सी हो गई है। पुलिस का इसी तरह का वीडियो सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रहा है, जिसमें पुलिस वाला बीच चौराहे पर कार चालक से अभद्रता करता दिखाई दे रहा है। हालांकि इस वीडियो की आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है, लेकिन यह अयोध्या का बताया जा रहा है।
सरकार के लाख प्रयासों के बावजूद भी पुलिस की छवि अगर नहीं सुधरी है तो इसकी जिम्मेदार पुलिस खुद है। पुलिस महकमे में भले ही पढ़े लिखे लोग आ गए लेकिन वर्दी के नशे से वह खुद को नहीं बचा पाए। यही वजह है कि हर चौराहे पर लोगों को पुलिस खड़ी दिख जाती है, लेकिन लोग इनसे किसी भी तरह की जानकारी व बात करने से कतराते हैं, क्योंकि लोगों में पुलिस के प्रति यह धारणा बन चुकी है कि वह कब किस बात का बुरा मानकर मारपीट करने लगे कुछ कहा नहीं जा सकता।
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अयोध्या पुलिस का वायरल हो रहा यह वीडियो पुलिस के बारे में काफी कुछ बताने के लिए काफी है। पुलिस सहयोग करने की बजाय किस तरह लोगों से पेश आती है, इसका प्रमाण है यह वीडियो। इस वीडियो को कुछ लोगों ने यूपी पुलिस को टैग कर कार्रवाई की भी मांग की है, लेकिन पुलिस की तरफ से अभी तक कोई रिप्लाई नहीं मिल सकी है। फिलहाल मामला विभागीय है, और शायद ही महकमे में ऐसा कोई सभ्य हो जिसे यह बुरा लगे।
गौरतलब है कि यह पुलिसवाला उसी उत्तर प्रदेश का जहां की राजधानी लखनऊ में एप्पल कर्मचारी विवेक तिवारी की गोमतीनगर में पुलिसवालों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। गोरखपुर में कानपुर प्रापर्टी डीलर को होटल में घुसकर पुलिसवालों ने मार डाला। ऐसे में यहां अपराधी और पुलिस में भेद कर पाना मुश्किल हो जाता है।
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