वाराणसी: भारत आस्था और विश्वास का देश है। यहां आस्था में ही विश्वास है। इसका प्रमाण एक बार फिर लोगों के सामने आया है। 108 वर्ष पहले गायब हुई मां अन्नपूर्णा की प्रतिम सोमवार को काशी विश्वनाथ पहुंच गई है। काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर में पहुंचने पर प्रतिमा को गाड़ी से उतारकर पालकी पर रखा गया। यहां पहले से मौजूद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मां अन्नपूर्णा की पालकी उठाई और स्थापना स्थल तक पहुंचाया। मूर्ति को विश्वनाथ मंदिर के ईशान कोण में स्थापित किया गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाथों मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा किया गया।

108 साल बाद कनाडा से काशी पहुंची मां अन्नपूर्णा की प्राचीन मूर्ति को बाबा विश्वनाथ के विशेष रजत सिंहासन पर विश्वनाथ धाम में प्रवेश कराया गया। बता दें कि काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन पूजन के लिए भक्तों की भीड़ काफी बढ़ गई थी। इस तरह की भक्तों की भीड़ अक्सर विशेष अवसरों पर देखने को मिलती है। गोदौलिया प्रवेश द्वार से गर्भ गृह तक भक्तों की कई लाइन देखी गई। स्थानीय दुकानदारों के मुताबिक भीड़ में बाहरी भक्तों की संख्या ज्यादा है।

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कनाडा से लाई गई मूर्ति

मां अन्नपूर्णा की मूर्ति 108 साल बाद कनाडा से काशी रविवार देर रात पहुंची। जौनपुर से वाराणसी जिले में प्रवेश करते हुए पिंडरा में माता का भव्य स्वागत किया गया। चढ़ती रात में सर्दी का सुरूर बना रहा लेकिन मां के स्वागत में भक्तों की गर्मजोशी देखते बन रही थी। हालांकि मूर्ति तय समय से काफी विलंब में पहुंची। बावजूद इसके भक्त गुलाब की पंखुड़ियां और माला लेकर स्वागत को खड़े रहे। विधि विधान से मां अन्न पूर्णा की प्रतिमा को मंदिर में स्थापित कर दिया गया।

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