हम सब परिवार एक
यह भाव जगाना है।
अपने-अपने कर्तव्य मार्ग पर
आगे बढते जाना है।।
व्यक्ति-व्यक्ति में गुण अनेक
व्यक्तित्व बढाना है।
सोई शक्ति भस्म आप्लावित
वह ऊपर लाना है।।
भेद अनेको गहरे होंगे
मिलकर सुलझाना है।
रक्षा कवच संगठन में है
सबको समझाना है।।
अपने लिए नहीं ये समझो
स्व राष्ट्र बचाना है।
भारत विजयी बने विश्व में
वह गौरव पाना है।।
स्वार्थों से ऊपर उठकर
इतिहास रचाना है।
वसुधा है एक परिवार
जागृति दीप जलाना है।।
– बृजेन्द्र
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