Shyam Kumar
श्याम कुमार

पार्टी-चिन्ह सहारा मेरा।
सबने जब दिल तोड़ दिया था,
मुझे अकेला छोड़ दिया था।
सिर्फ इसी ने साथ निभाया,
प्यार किया, जीभर दुलराया।

सुख-दुख का पक्का साथी है,
असली दोस्त दुलारा मेरा।
पार्टी-चिन्ह सहारा मेरा।

मंदबुद्धि, पगला कहते हैं,
उल्लू और गधा कहते हैं।
सभी लोग दौलत के साथी,
धन पाकर अपना कहते हैं।

बनजारे की तरह भटकता,
जीवन है बेचारा मेरा।
पार्टी-चिन्ह सहारा मेरा।

लाख कहें सब मुझको कच्चा,
धूर्त, लफंगा, पागल, लुच्चा।
लक्ष्य एक है कुरसी पाना,
दे दूंगा मैं सबको गच्चा।

‘देश तोड़ दो’ नारा मेरा,
बजेगा अब नक्कारा मेरा।
पार्टी-चिन्ह सहारा मेरा।

नहीं किसी से भी मैं कम हूं,
खुद अपने में एटमबम हूं।
कभी नहीं सीधा होऊंगा,
नस्ल विदेशी की मैं दुम हूं।

महाशातिरों की गिनती में,
ऊंचा बहुत सितारा मेरा।
पार्टी-चिन्ह सहारा मेरा।

मस्त ये लहराता रहता है,
हर पल इतराता रहता है।
यह लंगोटिया यार पुराना,
मस्ती बरसाता रहता है।

इससे है याराना मेरा,
यह आंखों का तारा मेरा।
पार्टी-चिन्ह सहारा मेरा।

दिल जब परेशान होता है,
शरण में ये अपनी लेता है।
सब दुख हो जाते हैं गायब,
गजब ताजगी भर देता है।

मुझे संभाला है बस इसने,
ये है पालनहारा मेरा।
पार्टी-चिन्ह सहारा मेरा।

इसने मुझे जकड़ रक्खा है,
मैंने इसे पकड़ रक्खा है।
हाथ अपना ही जगन्नाथ है,
मंत्र ‘श्याम’ ये पढ़ रक्खा है।

ये है मेरा जीवनसाथी,
ये है खेवनहारा मेरा।
पार्टी-चिन्ह सहारा मेरा।

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