इस्लामाबाद/नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है। घटना को लेकर भारत ने अपना रुख साफ करते हुए कह दिया है कि पहलगाम के गुनाहगारों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। आतंकी देश पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए भारत की तरफ से कई महत्वपूर्ण कदम उठाये गये हैं। इनमें से एक कदम सिंधु जल संधि निलंबित करना है। भारत सरकार के इस फैसले से बिलबिलाए पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के अध्यक्ष और पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने गीदड़ भभकी दी है। जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।

मैं सिंधु के साथ खड़ा हूं: बिलावल

सुक्कुर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए बिलावल भुट्टो ने भारत के खिलाफ तीखा हमला बोलते हुए कहा कि या तो सिंधु में हमारा पानी बहेगा या भारत का खून। सिंधु हमारी है और हमारी ही रहेगी। उन्होंने भारत पर झूठे आरोप लगाकर सिंधु जल संधि को तोड़ने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह कदम अपनी असफलताओं को छिपाने और देश की जनता को भ्रमित करने के लिए उठाया गया है।

पानी की एक बूंद भी पाकिस्तान नहीं जाएगी: भारत

भारत ने हमले के बाद त्वरित प्रतिक्रिया देते हुए सिंधु नदी के पानी के पाकिस्तान में प्रवाह को रोकने की दिशा में योजना बनाई है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय बैठक में इस पर एक विस्तृत रोडमैप तैयार किया गया है। जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने कहा कि सरकार अल्पकालिक, मध्यम और दीर्घकालिक स्तर पर काम कर रही है, जिससे पाकिस्तान को पानी की एक भी बूंद न मिले। इसके तहत नदियों से गाद हटाने और जलप्रवाह की दिशा मोड़ने जैसे कदम उठाए जाएंगे।

विवादित परियोजना रोकने पर सहमति

भारत के कड़े रुख के बाद पाकिस्तान के आंतरिक राजनीतिक हालात भी बदलने लगे हैं। सिंधु जल विवाद के बीच चोलिस्तान नहर परियोजना को लेकर भी पाकिस्तान में असहमति गहराने लगी है। सिंध प्रांत में इस परियोजना को लेकर विरोध तेज हो गया था, जिसके बाद पीएम शहबाज शरीफ और बिलावल भुट्टो ने बैठक कर इसे फिलहाल स्थगित करने पर सहमति जताई।

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दोनों नेताओं ने स्पष्ट किया कि जब तक काउंसिल ऑफ कॉमन इंटरेस्ट (CCI) में सभी पक्षों की सहमति नहीं बनती, तब तक यह परियोजना लागू नहीं की जाएगी। यह निर्णय देश में बढ़ते जल विवाद और भारत के खिलाफ एकजुटता दिखाने की मंशा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु जल संधि को लेकर जारी विवाद ने एक बार फिर इस क्षेत्र की भू-राजनीतिक संवेदनशीलता को उजागर कर दिया है। भारत जहां आतंकी घटनाओं का जवाब सख्ती से दे रहा है, वहीं पाकिस्तान के अंदरूनी मतभेद और भड़काऊ बयानबाज़ी स्थिति को और जटिल बना रहे हैं।

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