आचार्य विष्णु हरि सरस्वती
Nuh violence: अभिषेक राजपूत को पहले गोली मारी, फिर गला काट कर पत्थर से कुचला। अभिषेक राजपूत हिन्दुत्व का प्रहरी था। मिठाई दुकानदार शक्ति सैनी की हत्या दुकान से खींच कर की गई, फिर लाश को चौराहे पर फेंका गया। 2500 हजार से अधिक हिन्दू महिलाओं और बच्चों को बंधक बना कर छेड़छाड़ किया गया, उन्हें हिंसा का शिकार बनाया गया। यह स्थिति हरियाणा के मेवात क्षेत्र के नूंह की है। नूंह की तालिबानी मुस्लिम हिंसा (Nuh violence) को राष्ट्रीय मीडिया ने दबा दिया, क्योंकि प्रताड़ित और शिकार होने वाले हिन्दू थे और गुनहगार व हिंसक मुस्लिम आबादी थी। अब तो अपने देश में हिन्दू अपने पर्व-त्योहार मनाने पर मारे जा रहे हैं। यह तालिबानी मुस्लिम हिंसा रुकने वाली नहीं है, भारत भी आज न कल तालिबान का अफगानिस्तान बन कर रहेगा। भारत को मुस्लिम देश बनने से कौन रोकेगा?
न कोई उकसावे का भाषण था और न ही कोई उपद्रव फैलाने की कार्रवाई थी। सावन के महीने में सोमवार पर हिन्दू महिलाएं, पुरुष और बच्चे शिव मंदिर में जल चढ़ाने के लिए यात्रा निकाली थी। मुस्लिम मूर्ति पूजा को इस्लाम विरोधी मानते हैं। फिर मुस्लिम की बर्बर और हिंसक भीड़ टूट पड़ी और जो उत्पात मचायी, हिंसा की है, सरकारी वाहनों को जलाया है वह काफी डरावनी है और संकेत है कि भारत अब मुस्लिम देश बनने की राह पर अग्रसर है।
पुलिस वाले मूकदर्शक ही नहीं बने रहे, बल्कि मुस्लिमों की हिंसा के सामने उनकी लाठियां और गोलियां खामोश रही। मुस्लिम सरेआम गोलियां चलाते रहे, पत्थर चलाते रहे। देख लीजिये कुछ तथ्य। मुस्लिम भीड़ से पुलिस के डीएसपी सज्जन सिंह को सिर में गोली मारी गयी, एक पुलिस इंस्पेक्टर को पेट में गोली मारी गयी है। अपुष्ट खबर है कि तीन लोगों को जिंदा जलाया गया है। इतना ही नहीं बल्कि 20 से अधिक पुलिस वाले घायल हुए हैं। मुस्लिम भीड़ सरकारी सपत्तियों को नुकसान पहुंचाने में भी पीछे नहीं रही। सौ से अधिक गाड़ियों को नुकसान पहुंचाया गया, आग के हवाले कर दिया गया। पुलिस की एक थाने को मुस्लिम भीड़ ने सरेआम जला दिया। पुलिस और प्रशासन हिन्दुओं पर लाठी गोलियां चलाने में वीर होते हैं, पर मुस्लिम भीड़ के सामने पुलिस और प्रशासन चरणवंदना ही करते हैं।
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर खट्टर ने कुछ दिन पूर्व ही कहा था कि मेवात के मुस्लिम मौलवी शांति के मसीहा और शिक्षा के प्रतीक हैं। मौलवियों का वेतन और सुविधाएं मनोहर खट्टर ने बढ़ायी थी। मुस्लिम हिंसा की जड़ मस्जिदें होती हैं, जहां पर हिंसा और दंगा की प्लानिंग होती है। मनोहर खट्टर के मुस्लिम प्रेम से लाचार हरियाणा के गृहमंत्री अनिल बिज ने सिर्फ इतना ही कहा है कि मंदिर में बंधक बनाये गये 2500 हजार से अधिक हिन्दू महिलाओं और बच्चों को हमने सुरक्षित निकाल लिया है।
मेवात क्षेत्र जहां पर यह हिंसा हुई है वहां पर मुस्लिम आबादी की सामानंतर सरकार चलती है। वहां पर पुलिस और प्रशासन सिर्फ मुस्लिम मौलवियों के रहमो-करम पर रहते हैं। मुस्लिम आबादी जैसा कहती है वैसा पुलिस और प्रशासन करने के लिए बाध्य होते है। पुलिस और प्रशासन भाजपा की सरकार की नीतियों के गुलाम होने के कारण समर्पण की स्थिति में होते हैं। पचास से अधिक गांवों को हिन्दू विहीन कर दिया गया है। हिन्दुओं को भगाने और डराने की कोई कसर नहीं छोड़ी जाती है।
अभी-अभी मेवात ही नहीं बल्कि देश भर में हिन्दुओं की धार्मिक यात्राओं पर मुस्लिम हिंसा हुई है। योगी के राज्य उत्तर प्रदेश के बैरली में परंपरागत यात्रा से कांवड़ियों को रोका गया और विरोध करने पर कांवड़ियों पर पुलिस ने लाठियां चलायी, योगी के डीएम और एसपी ने कावंड़ियों की जमकर पिटाई करायी और कांवड़ियों को नशेबाज व हिंसक तक कह डाले। दिल्ली के नागलोई क्षेत्र में मुहर्रम पर डरावनी हिंसा की गयी। बिहार के सहरसा जिले में हिन्दू अपने पर्व त्योहार भी नहीं मना सकते हैं, यहां पर मुस्लिम भीड़ ने एक शव के साथ बर्बर हिंसा को अंजाम देने से पीछे नहीं हटी। सहरसा का भाजपा सांसद यह कहता है कि हमें अपने पर्व त्योहार मनाने की भी आजादी मुस्लिम आबादी छीन ली है। केरल, पश्चिम बंगाल, असम और अन्य प्रदेशों में घटने वाली अन्य घटनाएं भी जगजाहिर है।
जहां पर भाजपा की सरकार नहीं है वहां पर मुस्लिम आबादी की हिंसा और बर्बरता तो समझ में आती है, लेकिन जहां पर भाजपा की सरकार है वहां पर तालिबानी मुस्लिम बर्बरता और हिंसा की कहानी क्या कहती है? आखिर किस आधार पर भाजपा हिन्दुओं का वोट मांगती है? उत्तर प्रदेश और हरियाणा में तो भाजपा की ही सरकार है, फिर इतनी बर्बर और डरावनी मुस्लिम हिंसा क्यों नहीं रोकती है भाजपा सरकारें?
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मैंने एक सिद्धांत दिया है कि यह देश 2030 तक मुस्लिम देश बनेगा। इस सिद्धांत पर मैं आज भी टिका हुआ हूं। मेरे इस सिद्धांत पर हिन्दू शैखी खूब बघारते हैं और मुझे झूठ और डरावनी वाली शख्सियत बता कर आलोचना का शिकार बनाते हैं। पर कोई बिहार के सहरसा, कटिहार, पुर्णिया, हरियाणा के मेवात, झारखंड के संथाल परगना, पश्चिम बंगाल, केरल और असम आदि राज्यों में रहने वाले हिन्दुओं से जानकारी ले लीजिये कि वे किस स्थिति का सामना कर रहे हैं। दिल्ली जहां पर गृह मंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बैठते हैं, वहां पर हिन्दुओं को कितनी खतरनाक स्थिति से गुजरना पड़ रहा है, बीस से अधिक ऐसे क्षेत्र हैं, जहां पर हिन्दुओं को भागने के लिए मुस्लिम आबादी मजबूर कर रही है, हिन्दुओं ने अपने घर पर बिकाऊ होने बोर्ड लगा कर अपनी संपत्ति ओने-पौने भाव बेच कर भाग रहे हैं।
मैं फिर कह रहा हूं कि यह देश 2030 तक मुस्लिम देश बन कर रहेगा। नूंह की इस हिंसा पर किसी शंकराचार्य का मुंह खोलते देखा है, मुरारी बापू से लेकर श्रीश्री रविशंकर का मुंह खोलते हुए देखा है। हिन्दू फिर शंकराचार्यों, मुरारी बापू और श्रीश्री रविशंकर आदि तथाकथित संतों की चरणवंदना क्यों करता है? फिर इस देश को मुस्लिम देश बनाने से कौन रोकेगा?
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं।)
(यह लेखक के निजी विचार हैं।)
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