नई दिल्ली। वरिष्ठ पत्रकार एवं मध्य प्रदेश सरकार के सूचना आयुक्त विजय मनोहर तिवारी ने न्यूजरूम में बैठकर सोचे गए ‘इंडिया’ को असल ‘भारत’ से अलग बताया है। श्री तिवारी के अनुसार जब पत्रकार फील्ड में रिपोर्टिंग के लिए जाते हैं, तो उन्हें यह पता चलता है कि एसी कमरों में बैठकर वे जिस इंडिया की चर्चा करते हैं, वास्तविक भारत की स्थिति उससे कहीं अलग है। देश और समाज के बारे में चौंकाने वाली जानकारियां पत्रकारों को ग्राउंड रिपोर्टिंग के दौरान ही मिलती हैं। श्री तिवारी शुक्रवार को भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी) द्वारा आयोजित कार्यक्रम ‘शुक्रवार संवाद’ को संबोधित कर रहे थे।
‘भारत जैसा मैंने देखा : एक रिपोर्टर की डायरी’ विषय पर अपने विचार व्यक्त करते हुए श्री विजय मनोहर तिवारी ने कहा कि भारत के हर हिस्से से आपको उसका एक अलग परिचय मिलता है। अगर आप पूरा भारत घूमेंगे, तो आपको एहसास होगा कि आप अलग-अलग सदियों में घूम रहे हैं। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता के अध्ययन में यह बताया जाता है कि रिपोर्टिंग के समय अपने आंख और कान लगातार खुले रखें, क्योंकि आपकी खबर किसी भी मोड़ पर करवट लेकर एक नया एंगल ले सकती है। लेकिन इस बात का दूसरा पहलू यह है कि अखबार पूरे कवरेज का लगभग 10 फीसदी ही पाठकों को दे पाते हैं। इसके चलते पत्रकार अपनी कवरेज को बस स्टोरी तक ही सीमित रखते हैं।
श्री तिवारी ने बताया कि वर्ष 2009 से 2014 के मध्य उन्होंने पूरे भारत की लगभग आठ बार यात्राएं की। अखबारों में छपने वाली 800 शब्दों की स्टोरी के लिए उन्होंने 5000 शब्दों का संग्रह किया। श्री तिवारी के अनुसार विद्यार्थियों को अपने जीवन में पत्रकारिता के साथ-साथ यात्राओं को भी स्थान देना चाहिए, तभी वे भारत को समझ पाएंगे। अपनी यात्रा के अनुभव से ही विद्यार्थी अलग तरह की दृष्टि से पत्रकारिता कर सकते हैं और यही उनकी सफलता की सीढ़ी होगी।
कार्यक्रम का संचालन आउटरीच विभाग के प्रमुख प्रो. (डॉ.) प्रमोद कुमार ने किया एवं स्वागत भाषण संस्थान के डीन अकादमिक प्रो. (डॉ.) गोविंद सिंह ने दिया। धन्यवाद ज्ञापन आउटरीच विभाग में अकादमिक सहयोगी सुश्री छवि बकारिया ने किया।