नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत की कई परंपराओं में बदलाव हुए हैं। गणतंत्र दिवस से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस (Netaji Subhash Chandra Bose) की 125वीं जयंती पर उनकी होलोग्राम प्रतिमा का अनावरण करते हुए कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकारों पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों ने आजादी के बाद देश की संस्कृति और संस्कारों के साथ ही महान व्यक्तित्वों के योगदान को नष्ट करने का काम किया, लेकिन उनकी गलतियों को अब देश सुधार रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस (Netaji Subhash Chandra Bose) की 125वीं जयंती पर इंडिया गेट पर उनकी होलोग्राम प्रतिमा का अनावरण करने के बाद सभा को संबोधित करते हुए कहा कि दुनिया की कोई ताकत वर्ष 2047 में स्वतंत्रता के सौवें वर्ष से पहले देश को ‘नए भारत’ निर्माण में अपने लक्ष्य को हासिल करने से रोक नहीं सकती। उन्होंने कहा कि हमें नेताजी के ‘कैन डू’ और ‘विल डू’ की भावना से प्रेरणा लेते हुए आगे बढ़ते रहना है।
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प्रधानमंत्री ने कहा कि यह देश का दुर्भाग्य रहा कि आजादी के बाद से देश की संस्कृति और संस्कारों के साथ ही अनेक महान व्यक्तित्वों के योगदान को खत्म करने का काम किया गया। पीएम मोदी ने कहा कि स्वाधीनता संग्राम में लाखों लाख देशवासियों की तपस्या शामिल है। लेकिन उनके इतिहास को भी सीमित करने की साजिश की गई। लेकिन अब आजादी के दशकों बाद देश उन गलतियों को डंके की चोट पर सुधार रहा है।
सात लोगों को किया सम्मानित
इस मौके पर प्रधानमंत्री ने अलंकरण समारोह में वर्ष 2019, 2020, 2021 और 2022 के लिए सुभाष चंद्र बोस (Netaji Subhash Chandra Bose) आपदा प्रबंधन पुरस्कार से सम्मानित किया। समारोह में कुल 7 लोगों को सम्मानित किया गया। बता दें कि केंद्र सरकार ने आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में लोगों और संगठनों के अमूल्य योगदान और निस्वार्थ सेवा को पहचान देने और सम्मानित करने के लिए वार्षिक पुरस्कार की शुरुआत की है।
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