मऊ। मऊ जिले के सदर विधायक और बाहुबली मुख्तार अंसारी की फर्जी असलहा बनवाने के मामले में मंगलवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेशी हुई। सुनवाई के बाद कोर्ट ने पुलिस की रिमांड को स्वीकृत कर लिया। इस दौरान कोर्ट ने मुख्तार को 60 दिनों के लिए पुलिस कस्टडी रिमांड पर भेजने का आदेश जारी किया। एडीजे फास्ट ट्रैक कोर्ट नंबर एक रामराज ने गैंग्स्टर के मामले मे 60 दिन की रिमांड स्वीकृत की। काफी समय पहले मुख्तार ने अपने पैड पर तीन लोगों के लिए शस्त्र बनवाने की सिफारिश की थी। बाद में जांच के दौरान पता चला कि तीनों असलहे फर्जी पते पर बनावाए हैं।
वहीं मऊ की कोर्ट में हुई पेशी के दौरान मुख्तार ने तकिया, तख्त और कुर्सी की मांग की। मुख्तार ने कोर्ट को बताया कि उन्हें कमर में दर्द की शिकायत है, इसके लिए डॉक्टर ने फिजियोथेरेपी की सलाह दी है। उन्होंने जेल में एक फिजियोथेरेपिस्ट उपलब्ध कराने की भी मांग की। मुख्तार ने आरोप लगाया कि उन्हें बांदा जेल में जेल मैनुअल के हिसाब से सुविधाएं नहीं मिल रही हैं। इस पर कोर्ट ने जेल प्रशासन को आदेश कि मुख्तार को जेल मैनुअल के हिसाब से सुविधाएं दी जाएं। कोर्ट ने गैंगस्टर के मामले में मुख्तार की जुडिशियल रिमांड मंजूर करते हुये पेशी की अगली तिथि 11 जून को निर्धारित की है।
जेल मैनुअल के अनुसार सुविधाएं उपलब्ध कराने का आदेश
मुख्तार की शिकायत पर अपर जनपद एवं सत्र न्यायाधीश व गैंगस्टर कोर्ट के प्रभारी रामराज द्वितीय ने जेल अधीक्षक को जेल मैनुअल के अनुसार सुविधाएं उपलब्ध कराने का आदेश दिया। शहर कोतवाल की ओर से आवेदन किया गया कि मुख्तार को व्यक्तिगत रुप से पेश किया जाये। इस पर मुख्तार के वकील दरोगा सिंह ने दलील दिया कि वह स्वास्थ्य और कोविड- 19 को लेकर उनकी पेशी व्यक्तिगत रूप से नहीं कराई जा सकती। इस पर जज ने इस दरख्वास्त को मंजूर करते हुये वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से ही पेशी कराने का आदेश दिया। जज ने इस मामले में थाना दक्षिणटोला के गैंगस्टर मामले में मुख्तार की जुडिशियल रिमांड भी स्वीकृत कर ली। मुख्तार को इसी मामले में वारंट बी तामिल कराया गया था। अब मुख्तार की अगली पेशी 11 जून को निर्धारित कोर्ट ने की है।
जेलर पर हमला मामले में 19 को तय होंगे आरोप
एमपीएमएलए कोर्ट के विशेष जज पवन कुमार राय ने कारापाल व उपकारापाल पर हमला, जेल में पथराव व जानमाल की धमकी देने के एक मामले में मुख्तार अंसारी व अन्य अभियुक्तों पर आरोप तय करने के लिए 19 अप्रैल की तारीख तय की है। इस मामले में मुख्तार के अलावा युसुफ चिश्ती, आलम, कल्लू पंडित व लालजी यादव पर आरोप तय होना है। युसुफ चिश्ती व आलम न्यायिक हिरासत में जेल में हैं। जबकि कल्लू पंडित व लालजी यादव जमानत पर रिहा हैं। सोमवार को मुख्तार समेत अन्य अभियुक्तों की अनुपस्थिति से आरोप तय नहीं हो सका। विवेचना के बाद इस मामले में अभियुक्तों के खिलाफ आईपीसी की धारा 147, 336, 353 व 508 में आरोप पत्र दाखिल किया गया था। तीन अप्रैल, 2000 को इस मामले की एफआईआर लखनऊ के कारापाल एसएन द्विवेदी ने थाना आलमबाग में दर्ज कराई थी।