गौरव तिवारी
प्रयागराज: माघ मेले के सबसे बड़े स्नान पर्व मौनी अमावस्या पर आज करोड़ों की संख्या में श्रद्धालुओं ने संगम में आस्था की डुबकी लगाई। ब्रह्म मुहूर्त से ही संगम की त्रिवेणी में श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाना शुरू कर दिया। हिंदू धर्म में मान्यता है कि मौनी अमावस्या पर मौन रहकर स्नान और दान का विशेष महत्व है। संगम में मौनी अमावस्या पर स्नान और दान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती। मौनी अमावस्या पर मंगलवार को दोपहर 12 बजे तक लगभग 1.30 करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम की त्रिवेणी में आस्था की डुबकी लगाई।
तो वहीं सोमवार की रात 11 बजे तक लगभग 50 लाख श्रद्धालुओं ने संगम की त्रिवेणी में आस्था की डुबकी लगाई थी।मेला प्रशासन द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार मंगलवार दोपहर 12 बजे तक लगभग 1 करोड़ 30 लाख श्रद्धालुओं ने माघ मेले में गंगा और संगम में डुबकी लगाई है। माघ मेला में यजमानों को सुबह से पिंडदान करा रहे तीन तुमड़ी निशान वाले पंडा भोला त्रिपाठी ने बताया कि मौनी अमावस्या का मुहूर्त सोमवार दोपहर 2:20 बजे से लग गया जो मंगलवार की सुबह 11:16 बजे तक था। मगर श्रद्धालुओं के शाम तक गंगा स्नान करने की संभावना है।
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उन्होंने बताया कि धर्मशास्त्रों के अनुसार अगर अमावस्या की तिथि सोमवार को सूर्यास्त से कुछ क्षण पहले प्रारंभ हो जाती है तो इसे सोमवती अमावस्या कहा जाता है। जिसमें पितरों का कार्य भी किया जा सकता हैं। उनके अनुसार, ऐसा माना जाता है कि अमावस्या को पिंडदान और तर्पण करने से पितरों की तृप्ति होती है।
आपको बता दें कि सरल आवागमन व सुरक्षित संगम स्नान के लिए पूरे मेला क्षेत्र में पुलिसकर्मी तैनात रहे। मेला क्षेत्र की सीसीटीवी व ड्रोन कैमरों से नजर रखी गरी। रविवार को प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने मौनी अमावस्या पर एक करोड़ श्रद्धालुओं के गंगा स्नान करने की उम्मीद जताई थी। उन्होंने पूरे मेला क्षेत्र का भ्रमण कर सुविधाओं का जायजा लिया था।
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