प्रकाश सिंह

Mauni Amavsaya 2022: हिंदू धर्म में पर्व और त्योहार की अपनी अलग मान्यताएं और विशेषताएं हैं। मान्यताओं के आनुसार मौनी अमावस्या के दिन कम से कम सवा घंटे मौन जरूर रहने से इसका विशेष फायदा मिलता है। श्राद्धालु मौन रहकर व्रत का संकल्प ले सकते हैं। पीपल के वृक्ष की पूजा करने व भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर में पीले फूल, केसर, चंदन, घी का दीपक और प्रसाद के साथ पूजन करने का विधान है। इसके बाद विष्णु चालीसा का पाठ जरूर करना चाहिए। पूजा-पाठ करने के बाद विधि-विधान से आरती करें। इसके बाद भगवान विष्णु को पीले रंग की मीठी चीज से भोग लगाएं।

संकल्प लें और करें दान

मौनी अमावस्या के दिन सुबह या शाम को स्नान के पहले संकल्प लेना चाहिए। इसके लिए सबसे पहले जल को सिर पर लगाकर प्रणाम करें, इसके बाद ही स्नान करें। स्नान के बाद साफ वस्त्र पहनें और जल में काले तिल डालकर सूर्य को अर्घ्य दें। फिर अपने सामर्थ्य के दान दान-पुण्य करें।

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मौन धारण करने का है महत्व

धर्म शास्त्रों के मुताबिक, मौनी अमावस्या के दिन मौन धारण करने से विशेष ऊर्जा की प्राप्ति होती है। मौनी अमावस्या पर गंगा नदी में स्नान करने से दैहिक (शारीरिक), भौतिक (अनजाने में किया गया पाप), दैविक (ग्रहों, गोचरों का दुर्योग) तीनों प्रकार पापों से मुक्ति मिलती है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन सभी देवी-देवता गंगा में वास करते हैं, जो गंगा में स्नान करने से पापों से मुक्ति दिलाते हैं।

शुभ मुहूर्त

पंचाग के मुताबिक इस बार माघ अमावस्या तिथि की शुरुआत सोमवार, 31 जनवरी को देर रात 2 बजकर 18 मिनट पर होगी और इसका समापन अगले दिन मंगलवार 1 फरवरी को सुबह 11 बजकर 15 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार अमावस्या 1 फरवरी को होगी। अत: स्नान और दान आदि के कर्म भी 1 फरवरी की सुबह से ही किए जाएंगे।

ये काम जरूर करें

– मौनी अमावस्या के दिन सुबह नदी, सरोवर या पवित्र कुंड में स्नान करना चाहिए। स्नान के बाद सूर्य देव को अर्घ्य देना चाहिए।

– इस दिन व्रत रखने के साथ ही जहां तक संभव हो सके मौन रहना चाहिए। गरीब व भूखे व्यक्ति को भोजन भी कराना चाहिए।

– मौनी अमावस्या के दिन मौन रहने का मतलब यह भी है कि हम स्वयं के अंतर्मन में झांके, ध्यान करें और स्वच्छ मन से प्रभु की भक्ति करें।

– यदि पूरे दिन मौन व्रत रखने में दिक्कत हो, तो भी कम से कम सुबह के समय सवा घंटे का मौन व्रत जरूर रहें और स्नान व दान भी मौन रहकर ही करें।

– अनाज, वस्त्र, तिल, आंवला, कंबल, पलंग, घी और गौ शाला में गाय के लिए भोजन का दान करने से विशेष लाभ मिलता है।

– मौनी अमावस्या पर गौ दान, स्वर्ण दान या भूमि दान कर सकते हैं, तो अवश्य करें।

– हर अमावस्या की भांति माघ अमावस्या पर भी अपने पितरों को याद करना चाहिए। इस दिन पितरों का तर्पण करने से उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है।

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