भाजपा में अब आईकॉन योगी आदित्यनाथ और हेमंता विस्वा शर्मा जैसे मुख्यमंत्री नहीं होंगे, बल्कि अब मनोहर लाल खट्टर (Manohar Lal Khattar) जैसे मुख्यमंत्री आईकॉन होंगे? अब मनोहर खट्टर की मौलाना-मौलवी और भाईचारे की नीति भाजपा में चलेगी। हिन्दूवादी अगर हरियाणा में अब अवैध नमाज और मौलानाओं-मौलवियों के कार्यों में बाधा डाली तो फिर उनकी जगह जेल ही होगी, क्योंकि मौलाना और मौलवी धर्मातंरण, आतंकवाद और गौकशी के आरोपी व गुनहगार नहीं हैं, बल्कि ये तो विकास, उन्नति और स्वच्छता के प्रतीक हैं।
यह अलग बात है कि मौलाना-मौलवियों ने हरियाणा के एक क्षेत्र मेवात में करीब 60 गांव हिन्दू विहीन कर दिये हैं और गौकशी की घटनाओं तथा लव जिहाद से हिन्दुओं का जीना भी दूभर कर दिये हैं। अगर भाजपा नरेन्द्र मोदी की जगह मनोहर खट्टर (Manohar Lal Khattar) को प्रधानमंत्री का उम्मीदवार घोषित कर दे, तो फिर मुस्लिम भाजपा को केन्द्रीय सत्ता में बैठा सकते हैं। इस निमित हिन्दुओं के वोट की जरूरत ही नहीं होगी। मनोहर लाल खट्टर ने भाजपा को नया मुस्लिम मंत्र दे दिया है।
हरियाणा के भाजपा मुख्यमंत्री मनोहर खट्टर (Manohar Lal Khattar) अपने कार्यों से दिन-प्रतिदिन मील के पत्थर साबित हो रहे हैं और दिन-प्रतिदिन नये-नये कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैं। अब उन्होंने एक ऐसा काम कर दिया, जिसकी प्रशंसा मुस्लिम आबादी दिल से कर रही है और वह काम पहले किसी गैर भाजपाई मुख्यमंत्रियों ने करने की हिम्मत नहीं जुटायी थी। मुख्यमंत्री मनोहर खट्टर (Manohar Lal Khattar) का मानना है कि इस कदम से इस्लाम की जरूरतें पूरी होंगी और इस्लाम का प्रचार-प्रसार करने में मौलवी बहुत बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। खट्टर के इस कार्य की भूरि-भूरि प्रशंसा सिर्फ मुस्लिम आबादी ही नहीं कर रही है बल्कि हरियाणा के विपक्ष के नेता भी कर रहे हैं।
मुस्लिम इमामों का संगठन तंजीम आइमा ए औकाफ ने वेतन वृद्धि को शानदार और इस्लाम के लिए मील का पत्थर बताया है। मौलवियों के वेतन में 50 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है। तंजीम ए औकाफ ने कहा है कि हरियाणा के 800 से अधिक मौलवियों को इसका लाभ मिलेगा। उसने यह भी कहा है कि अन्य अपंजीकृत मस्जिदों के इमामों को भी इसका लाभ मिलेगा, इसके लिए सरकारी प्रक्रिया पूरी करायी जायेगी। अपंजीकृत मस्जिदों का पंजीकरण कराने की प्रक्रिया में तेजी आयेगी। तंजीम आइमा ए औकाफ उन मौलवियों को भी वेतन का लाभ दिलायेगा जो पार्कों और अन्य जगहों पर नमाज पढ़ाते हैं।
जानने की जरूरत यह है कि पार्कों और अन्य सरकारी जगहों पर नमाज पढ़ाने वाले मौलवियों को अभी वेतन नहीं मिलते हैं। हरियाणा के गुरूग्राम सहित कई औद्योगिक शहरों में हजारों पार्कों और सड़कों पर नमाज पढ़ायी जाती है। अगर ऐसी जगहों को चिन्हित कर लिया जायेगा और मौलवियों की पहचान कर ली जायेगी तो फिर अतिरिक्त करीब हजारों मौलवियों को बढ़ा हुआ वेतन का लाभ मिलेगा।
हरियाणा में मुस्लिम मौलवियों को करीब दस हजार के आस पास वेतन मिलता था। अब मौलवियों को करीब 14000 हजार से लेकर 16000 हजार तक वेतन मिलेगा। सबसे बड़ी बात यह है कि इसमें अतिरिक्त लाभ भी अलग से मिलेगा। हरियाणा सरकार ने प्रावधान किया है कि मौलवियों को प्रतिवर्ष इन्क्रीमेंट भी मिलेगा। हरियाणा सरकार ने यह भी प्रावधान किया है कि मौलवियों के वेतन में हर साल पांच प्रतिशत की वृद्धि स्वत: हो जाया करेगी। इसमें अलग से सरकारी प्रक्रिया पूरी करने की जरूरत नहीं होगी। हरियाणा सरकार के प्रतिनिधियों का कहना है कि देश में ऐसा एक भी राज्य नहीं है, जो मौलवियों के वेतन में सलाना वृद्धि का प्रावधान किया है। इस प्रसंग में हरियाणा एक मात्र प्रदेश है।
पांच जनवरी को मुस्लिम आबादी ने इस कार्य के लिए मुख्यमंत्री मनोहर खट्टर को सम्मानित और पुरस्कृत भी किया है। मुरूग्राम यूनिवर्सिटी में एक समारोह का आयोजन किया गया था। अपने सम्मान समारोह में मुख्यमंत्री मनोहर खट्टर ने कहा कि हरियाणा में भाई चारा बढ़ाने का कार्य तेजी के साथ हो रहा है और हमारी सरकार मुस्लिम आबादी के बेहतरी के लिए कार्य कर रही है। मौलानाओं ने शिक्षा के क्षेत्र में अच्छे कार्य किये हैं और अच्छी भूमिका निभायी है। मुख्यमंत्री खट्टर ने मेवात क्षेत्र में जहां पर मुस्लिम आबादी की सामान्तर सरकार चलती है पर कहा कि इस्लाम के प्रेरक मौलवी शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्य किये हैं। स्वच्छ भारत अभियान को भी इन्होंने आगे बढ़ाया है, इसलिए इनका सम्मान और इन पर पैसों की बारिश करनी जरूरी है।
मेवात क्षेत्र के 50 से ऊपर गांव हिन्दू विहीन हो गये हैं। मेवात क्षेत्र से हिन्दुओं का पलायन तेजी के साथ हो रहा है। मेवात में रहने का अर्थ हिंसा और लव जिहाद का शिकार बनना है। गौ धन की सरेआम हत्या कौन नहीं जानता है। मुख्यमंत्री खट्टर के समर्थक कह रहे हैं कि मनोहर खट्टर आधुनिक अटल बिहारी वाजपेयी हैं और वे भाई चारे की नयी कहानी लिख रहे हैं। खट्टर के इस कार्य से उन लोगों को भी एक संदेश जायेगा जो मुसलमानों को पार्कों और सड़कों तथा अन्य सरकारी जगहों पर नमाज पढ़ने का विरोध करते हैं।
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उल्लेखनीय है कि गुरूग्राम और फरीदाबाद सहित अन्य जगहों पर सरकारी और सार्वजनिक जगहों पर मुसलमानों द्वारा नमाज पढ़ने का विरोध हिन्दू संगठन करते आये हैं। सार्वजनिक जगहों पर पढ़े जाने वाले नमाज का भारी विरोध होता रहा है। मीडिया में भी यह प्रश्न गर्म रहा है। खट्टर ने हिन्दूवादी संगठनों को अप्रत्यक्ष संदेश जरूर दे दिया है। अब हिन्दूवादी विरोध करेंगे, तो उनकी जगह जेल होगी। मनोहर लाल खट्टर को आधुनिक अटल बिहारी वाजपेयी का खिताब मिल रहा है। मनोहर खट्टर के मौलवी सिद्धांत पर अगर भाजपा के मुख्यमंत्री चले और नरेन्द्र मोदी भी मनोहर खट्टर की मौलवी नीति अपनायी तो फिर देश में भाई चारे का नया वातावरण तैयार होगा और राहुल गांधी की नफरतवाली राजनीतिक हथियार का मुकाबला भी आसानी से किया जा सकता है। इसलिए मौलवियों का वेतन आईएस और आईपीएस के बराबर कर दिया जाना चाहिए।
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भाजपा को अब हेमंत विस्वा शर्मा और योगी आदित्यनाथ जैसा सीएम नहीं चाहिए, बल्कि भाजपा को अब मनोहर लाल खट्टर जैसा सीएम चाहिए। 2024 में भाजपा के लिए नरेन्द्र मोदी नहीं, बल्कि मनोहर लाल खट्टर का चेहरा लाभकारी रहेगा। प्रधानमंत्री का उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी को नहीं, बल्कि मनोहर खट्टर को घोषित कर दिया जाना चाहिए। एक सूत्र में मुसलमान वोट देंगे और बिना संघर्ष और बिना हिन्दू मत के केन्द्र में भाजपा की सरकार बनने से कौन रोकेगा?
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं)
(यह लेखक के निजी विचार हैं)