Manipur Violence: मणिपुर हिंसा को लेकर पूरे देश में हंगामा मचा हुआ है, वहीं हिंसा की आड़ में घुसपैठिए भारत में बड़ी संख्या में घुसपैठ कर रहे हैं। आंकड़ों के मुताबिक पिछले दो दिनों में म्यामांर बॉर्डर से 700 अधिक रिफ्यूजी भारत में घुसे हैं। बता दें हिंसा की आग में झुलस रहे पूर्वोत्तर का मणिपुर राज्य देश के लिए कलंक साबित हो रहा है। यहां की घटनाएं दुनिया में भारत को शर्मसार कर रही हैं। कुकी और मैतई समुदाय के बीच करीब तीन महीने से जारी जातीय हिंसा पूरे राज्य को अपने चपेट में ले चुकी है। लोगों की हत्याएं, महिलाओं के साथ दुष्कर्म भारतीय संस्कृति को कलंकित कर रही हैं। बीते दिनों महिलाओं के साथ हुए दुष्कर्म के वायरल वीडियो ने स्थिति और भी बिगाड़ दिया है।
मणिपुर की हालात सुधारने के लिए सेना लगाई गई है, वहीं इस बीच विदेशी धरती से घुसपैठ की खबरें और चिंताजनक है। बीते दो दिनों में म्यामांर बॉर्डर से 700 से अधिक लोगों को घुसपैठ की बात सामने आई है। जानकारी के मुताबिक मणिपुर के चंदेल जिले में अवैध रूप से म्यांमार से घुसपैठ हुई है। घुसपैठ की बात सामने आने के बाद राज्य सरकार ने चिंता व्यक्त की है। राज्य सरकार ने इस बारे में असम राइफल्स से डिटेल रिपोर्ट तलब करते हुए इतनी बड़ी संख्या में घुसपैठ की जानकारी मांगी है।
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मणिपुर सरकार ने पूछा है कि 22 और 23 जुलाई के बीच किस तरह 719 म्यांमार नागरिकों को भारत में घुसने दिया गया। राज्य सरकार की तरफ से पूछा गया है कि जरूरी कागजों के बिना कैसे इतनी बड़ी संख्या में लोगों को भारत में एंट्री दी गई है। मणिपुर सरकार की तरफ से जारी बयान के मुताबिक 718 लोग इस दौरान भारत में घुसे हैं। इनमें 209 पुरुष, 208 महिलाएं और 301 बच्चे शामिल हैं। राज्य सरकार ने बताया है कि मौजूदा हालात और पिछले अनुभवों को देखते हुए असम राइफल्स से भारत में एंट्री को लेकर सख्ती बरतने का आदेश दिया था। मौजूदा समय में 718 नागरिकों की भारत में एंट्री को राज्य सरकार सख्ती से देख रही है। सरकार ने असम राइफल्स से कहा है कि संभव हो तो घुसपैठियों को चंदेल जिले से तुरंत वापस भी भेजा जाए।
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