कोलकाता। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में जीत की हैट्रिक लगाने वालीं टीएमसी की मुखिया ममता बनर्जी ने आज लगातार तीसरी बार राज्य की मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को राज्यपाल जगदीप जाखड़ ने मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई है। राज्यभवन में शपथ ग्रहण का कार्यक्रम संपन्न हुआ। जानकारी मिली है कि यापथ ग्रहण में शामिल होने के लिए बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य, निवर्तमान सदन के नेता प्रतिपक्ष अब्दुल मन्नान और माकपा के वरिष्ठ नेता बिमान बोस को निमंत्रित किया गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीसरी बार मुख्यमंत्री बनने पर ममता बनर्जी को बधाई दी है।

manta banarjee

ममता बनर्जी ने बंग्ला भाषा में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, इस दौरान वह सफेद रंग की साड़ी हुए थीं। शपथ ग्रहण के बाद उन्होंने लोगों का अभिवादन करते हुए कहा कि आज ही हम कोरोना महामारी के संदर्भ में एक बैठक करेंगे। इसके बाद शाम 3 बजे प्रेस कांफ्रेंस कर जानकारी देंगे। मतगणना के बाद से बंगाल में जारी हिंसा पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि मैं सभी लोगों से शांति बनाए रखने की अपील करती हूं। साथ ही उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं की अप्रत्यक्ष रूप से बचाव करते हुए कहा कि अगर किसी भी दल के व्यक्ति ने हिंसा की, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। मैं हमेशा शांति के पक्ष में हूं और रहूंगी। वहीं राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने उम्मीद जताते हुए कहा कि ममता बनर्जी संविधान का पालन करते हुए हिंसा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगी।

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गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव का परिणाम आते ही टीएमसी समर्थकों की तरह से हिंसक घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है। टीएमसी कार्यकर्ताओं ने जीत की खुशी रंग—गुलाल से मनाने की जगह खून—खराब करके मनाने में लगे हुए है। इसी के तहत बीजेपी के जहां कई कार्यालयों को आग लगा दिया गया वहीं हिसंक घटनाओं में कई लोगों के मरने व घायल होने की खबर है। बंगाल में हिंसा की बात कोई नई बात नहीं है। ममता बनर्जी की सरकार की उपलब्धियों में एक उपलब्धि यह भी है कि यहां दूसरे यानी भाजपा कार्यकर्ताओं की कब हत्या कर दी जाए कुछ कहा नहीं जा सकता। अराजकता कि स्थिति यह है कि बीजेपी के कद्दावर नेता भी खुद को यहां सुरक्षित नहीं महसूस करते। फिलहाल जनता ने एक बार फिर से ममता में विश्वास जताया है। देखना है कि इस बार कानून व्यवस्था को लेकर राज्य में क्या स्थिति बनती है। हालांकि जीत के बाद ही यहां राजनीतिक हिंसा का दौर शुरू हो गया है।

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