भोपाल: “किसी भी इंसान को छोटी-छोटी समस्याओं पर नजर रखनी चाहिए। उनका हल सोचना चाहिए। बड़े और सफल आइडियाज इन्हीं से निकलते हैं।” यह विचार भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी)के पूर्व महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी ने अबू धाबी के भारतीय विद्या भवन द्वारा संचालित इंटरनेशनल स्कूल में आयोजित आनलाइन संवाद कार्यक्रम में व्यक्त किए। प्रो. द्विवेदी ने कहा कि यह समय क्रियेटिविटी और आईडियाज का है। दुनिया का हर संकट संवाद और संचार से हल किया जा सकता है। उन्होंने कहा संचार और संवाद की दुनिया में वही लोग स्थापित हो सकते हैं, जिनके पास नए विचार, नई भाषा और कहानी कहने की कला है। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राइवेट इंटरनेशनल स्कूल, आबूधाबी की प्राचार्या वनिता वाल्टर ने की। इस अवसर पर प्रधानाचार्य सुरेश बालकृष्णन, उप-प्रधानाचार्या मिनी रमेश, हिंदी विभाग प्रमुख रवि शुक्ल भी उपस्थित रहे।

विद्याथियों के प्रश्नों के उत्तर देते हुए उन्होंने जहां मीडिया की दुनिया में अवसरों के बारे में बताया, वहीं जीवन में भाषा की महत्ता पर भी बात की। प्रो. द्विवेदी ने कहा कि अकसर कुछ नया देखते ही हम उसके उपभोग के बारे में सोचने लगते हैं, लेकिन उसे बेहतर बनाने की ओर हमारा ध्यान नहीं जाता। हर प्रोडक्ट या सर्विस अलग-अलग जगहों पर सफल नहीं हो सकती, लेकिन तुलना करने पर हम हर जगह के बारे में बेहतर जान सकते हैं। फिर पहले से मौजूद आइडिया में जरूरी बदलाव कर कुछ नया सोच सकते हैं।

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प्रो. द्विवेदी ने कहा कि अपनी रुचि की चीजों के बारे में खूब पढ़िए। कुछ नया सीखने को मिले, तो इसके बारे में लोगों से बातें कीजिए। वे क्या सोचते हैं, यह जानने की कोशिश कीजिए। मन में जो भी विचार आते हैं, उन्हें अमलीजामा पहनाने की कोशिश कीजिए। इनके नतीजे अच्छे न निकलें, तो घबराइए मत, क्योंकि इसके बाद ही अच्छे आइडिया भी आएंगे। बस आपको अपनी क्रिएटिव सोच बनाए रखनी है।

कार्यक्रम का संचालन विद्यालय की छात्राओं अक्षया अनिल कुमार, नंदिनी त्रिवेदी ने किया। कार्यक्रम में सहभागी विद्यार्थी में कीर्तना नायर, प्रज्वल राव, अफ़शीन शेक, आकाश, साईं सिद्धार्थ प्रमुख रहे। कार्यक्रम में विद्यालय के विद्यार्थियों के साथ उनके अभिभावकों ने भी सहभागिता की।

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