नई दिल्ली। वर्ष 2021 का पहला चंद्रग्रहण (Lunar eclipse 2021) आज यानी बुधवार को कुछ ही घंटों बाद लगने वाला है। वहीं देश में आ रहा चक्रवती तूफान यास (cyclone yas) ने भी दस्तक दे दी है। ऐसे में यह कयासबाजी तेज हो गई है कि चंद्रग्रहण की वजह से ऐसा हो रहा है। क्योंकि चंद्र ग्रहण प्राकृति और इंसान पर अपना असर डालता है। हालांकि चक्रवात यास और चंद्र ग्रहण के संबध पर खगोल शास्त्रियों ने अपना मत साफ कर दिया है। खगोल शास्त्रियों के मुताबिक चंद्रग्रहण ओर आ रहे तूफान के बीच कोई वास्ता नहीं है। तूफान मौसम की प्रक्रिया का हिस्सा है।
पंचांग के मुताबिक वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा की तिथि में चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। अंग्रेजी कैलेंडर के मुताबिक 26 मई को चंद्र ग्रहण लगेगा। बता दें कि इस पूर्णिमा की तिथि को वैशाख पूर्णिमा भी कहा जाता है। हिंदू धर्म में पूर्णिमा की तिथि का विशेष महत्व माना जाता हैं।
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किस राशि में लगेगा चंद्र ग्रहण
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक 26 मई को चंद्रमा वृश्चिक राशि में होगा। 26 मई को दिन में दोपहर 2 बजकर 16 मिनट से चंद्र ग्रहण शुरू होगा और शाम करीब 7 बजकर 21 पर समाप्त हो जाएगा।
सूतक काल का महत्व
हिंदू धर्म में चंद्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण के दौरान सूतक काल का विशेष ध्यान रखा जाता है। ज्योतिष के मुताबिक चंद्र ग्रहण जब लगता है तो सूतक काल ग्रहण से 9 घंटे पूर्व लगता है। वहीं सूर्य ग्रहण जब लगता है तो सूतक काल 12 घंटे पहले लग जाता है। वर्ष 2021 में लगने जा रहे हैं पहले चंद्र ग्रहण में सूतक काल के नियम मान्य नहीं होंगे, क्योंकि इस चंद्र ग्रहण को उपछाया ग्रहण बताया जा रहा है। इसलिए इस बार चंद्र ग्रहण में सूतक काल के नियम प्रभावी नहीं होंगे। लेकिन कुछ मामलो में सूतक काल के नियमों का पालन करना लाभदायक होगा। इस दौरान गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी बरतनी होगी।
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