Lucknow News: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती (Netaji Subhash Chandra Bose Jayanti) को पराक्रम दिवस के रूप में मनाते हुए सोमवार को परिवर्तना चौक स्थित उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हे याद करते हुए नमन किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि नेताजी बचपन से ही कुशाग्र बुद्धि के थे। उन्होंने उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में दाखिला लिया था।
पढ़ाई के दौरान उनका सेलेक्शन उस समय की प्रतिष्ठित प्रशासनिक सेवा आईसीएस में हो गया था, लेकिन उन्होंने सेवा ज्वाइन नहीं की क्योंकि उन्हे देश को गुलाम बनाने वालों के खिलाफ लड़ाई लड़नी थी। ऐसे में हम देश के लिए उनकी अधिनियकता को स्वीकार करके किसी भी बड़े पद को ठुकरा सकते हैं। इस अवसर पर डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक, मंत्री और कई विधायकों ने नेताजी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया।
नेताजी ने सदैव क्रांति का मार्ग चुना
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने कहा कि देश की आजादी के आंदोलन में नेताजी द्वारा किए गए योगदान के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 23 जनवरी 2021 को इसे पराक्रम दिवस के रूप में मनाने का आवाह्न किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पराक्रम दिवस पर विभिन्न प्रकार के रचनात्मक कार्यक्रम के जरिये पूरे देश को नेताजी सुभाष चंद्र बोस के प्रति अपनी कृतज्ञता जाहिर करने का अवसर दिया है।
हम सब जानते हैं कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जन्म भारत के तत्कालीन बंगाल प्रांत और आज के उड़ीसा प्रांत के कटक में हुआ था। नेताजी ने अपनी कुशाग्र बुद्धि की वजह से आईसीएस की परीक्षा उत्तीर्ण की, लेकिन उन्होंने इसे ठुकराया और देश की आजादी के आंदोलन के साथ जुड़े। आंदोलन के दौरान उन्हे ऐसे कई अवसर मिले, जिसके जरिये वह देश की राजनीति में स्थापित हो सकते थे, लेकिन इससे इतर उन्होंने सदैव क्रांति का मार्ग चुना।
नेताजी ने देश के हर नागरिक के मन में राष्ट्रभक्ति का भाव पैदा हो, इसके लिए उन्होंने राष्ट्रीयता के मार्ग का सदैव अनुसरण किया और देशवासियों को इसके लिए प्रेरित किया। वह इसके सदैव पक्षधर थे। वह देश ही नहीं बल्कि दुनिया के तमाम देशों जैसे जर्मनी, जापान और सिंगापुर में रहकर वहां के भारतवंशियों के साथ मिलकर देश की आजादी की अलख जलाते रहे। उन्होंने देश की आजादी के लिए जिन मार्गों का उस काल खंड में अनुसरण किया उसमें आजाद हिंद फ़ौज जीता जागता उदाहरण है।
नेताजी ने उस समय जो स्लोगन दिये जैसे दिल्ली चलो, जय हिंद का नारा आज भी हम सब के अंदर नया रोमांच पैदा करता है। उन्होंने देश के युवाओं के मन में आजादी का भाव पैदा करने के लिए तुम मुझे खून दो मैं तुम्हे आजादी दूंगा का नारा दिया जो आज भी हर जवान की जुबान पर अक्सर सुनने को मिलता है, जो हर भारतवसियों को रोमांचित करता है।
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देश नेताजी के सपने को साकार कर रहा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने संबाेधन में कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव के भव्य आयोजन के साथ देश आजादी के अमृत काल में प्रवेश कर चुका है। ऐसे में इस वर्ष नेताजी की जयंती पर उनको नमन करना मेरे लिए अत्यंत महान अवसर है जिन्होंने देश की आजादी के लिए हर युवा में आंदोलन की अलख जलाई।
वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश को दुनिया की सबसे बड़ी ताकत बनाने के लिए जो कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं निश्चित रूप से यह नेताजी जैसे अमूल्य सपूतों और आजादी के महानायकों के सपनों को साकार कर रहे हैं, जो उन्होंने देखा था। नेताजी ने देश को सुरक्षित और स्वावलंबी बनाने के लिए जो सपना देखा था उस सपने को साकार करने के लिए देश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आगे बढ़ रहा है। हमे पूरा विश्वास है कि हर भारतवासी नेताजी सुभाष चंद्र बोस के सपने को साकार करने के लिए अपने स्तर पर योगदान देगा।
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