कानपुर: हिंसा के मामले में अक्सर पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठते रहते हैं। ऐसे सवाल खड़ा करने वालों को कानपुर पुलिस की तरफ से तगड़ा जवाब दिया गया है। कानपुर पुलिस ने बता दिया है कि पुलिस हमेशा बेगुनाहों को नहीं परेशान करती है, जो दोषी होते हैं, उन्हीं पर कार्रवाई की जाती है। ऐसे में 3 जून को नई सड़क में हुई हिंसा के मामले में गिरफ्तार किए गए चार और युवकों को जेल से रिहा कर दिया गया। इसके पहले दो और युवकों को जेल से रिहा किया जा चुका है। इन लोगों ने बगैर अपराध 58 दिन जेल काटी।
बवाल के पुलिस पर निर्दोष लोगों को जेल भेजने के आरोप लगे थे जिसके बाद ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर की अध्यक्षता में बनी कमेटी को पकड़े गए छह लोगों के खिलाफ साक्ष्य नहीं मिले थे। इसी आधार पर विवेचक ने कोर्ट में रिपोर्ट दी थी। जिसके बाद सभी को जेल से रिहा करने का आदेश जारी हुआ था और बुधवार को शानू लफ्फाज और शारिक अहमद को जेल से रिहा कर दिया गया था लेकिन तकनीकी खामी की वजह से सरताज, सरफराज, आकिब और नासिर को रिहाई नहीं मिल पाई थी। गुरुवार को इन सभी को जेल से रिहा कर दिया गया।
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बेगुनाहों की रिहाई से यह साफ हो रहा है कि पुलिस निष्पक्षता के साथ हिंसा के दोषियों पर कार्रवाई कर रही है। ऐसे में जो निर्दोष हैं, उन्हें डरने की जरूरत नहीं है।
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