Kanpur Violence: कानपुर हिंसा (Kanpur Violence) मामले में एसआईटी ने बड़ा खुलासा किया है। नई सड़क हिंसा सोची समझी साजिश का हिस्सा था, इसका मुख्य उद्देश्य चन्द्रेश्वर हाता (Chandreshwar Hata) खाली कराना था। हिंसा लिए बिल्डर हाजी मोहम्मद वसी (Haji Mohammad Wasi) ने मुख्य आरोपी हयात जफर हाशमी (Hayat Zafar Hashmi) के संगठन को 10 लाख रुपये उपलब्ध कराए थे। हाता खाली होने के बाद 90 लाख रुपये का और भुगतान किया जाना था। इसका खुलासा हाजी मोहम्मद वसी (Haji Mohammad Wasi) ने एसआईटी (SIT) की पूछताछ में किया है। 3 जून को हुई कानपुर हिंसा (Kanpur Violence) की एसआईटी (SIT) ने कोर्ट में केस डायरी दाखिल की है। जिसमें बताया गया है कि पत्थरबाजों को हजार रुपए व पेट्रोल बम वालों को 5000 रुपए दिए गए थे। इसके अलावा उपद्रवियों को हिंसा फैलाने के लिए पैसे दिए गए थे।
जानकारी के अनुसार केस डायरी पब्लिक प्रोसिक्यूटर दिनेश अग्रवाल ने दायर की है। वहीं एसआईटी हाजी मोहम्मद वसी, हयात जफर हाशमी समेत हिंसा से जुड़े लोगों की डिटेल खंगाल रही है। पुलिस सूत्रों के अनुसार बिल्डर वसी से ने पूछताछ में खुलासा किया है कि चन्द्रेश्वर हाता की जमीन पर उसकी लंबे समय से नजर थी। वहां वह अपार्टमेंट के साथ एक मार्केट भी बनवाने की फिराक में था। इसी सिलसिले में उसकी मुलाकात हयात जफर हाशमी (Hayat Zafar Hashmi) से हुई। हयात ने बताया कि वह नूपुर शर्मा के पैगंबर वाले बयान पर बंदी कराने वाला है। हाजी मोहम्मद वसी ने पुलिस को बताया कि यह जानने के बाद उसने हाता खाली कराने की योजना बनाई। उसने हयात से एक करोड़ रुपये में सौदा किया। जिसमें उसने उसे 10 लाख उसे नकद दे दिए। बाकी रकम हाता खाली होने के बाद दी जानी थी।
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हिंसा के लिए हाजी मोहम्मद वसी ने एक दिन में 34 लाख रुपए की दो प्रापर्टी बेची। इससे पहले उसने तीन प्रापर्टी अप्रैल, फरवरी और दिसंबर में बेची थी। जिसकी कीमत 35 लाख, 17 लाख और 75 लाख रुपए थी। उधर हाशमी ने मई, दिसंबर और जनवरी में प्रापर्टियां बेची थीं, जिसमें 14 लाख, 10 लाख और 7 लाख रुपए मिले। डीसीपी प्रमोद कुमार के मुताबिक बिल्डर हाजी मोहम्मद वसी से पूछताछ में चन्द्रेश्वर हाता खाली कराने के लिए पैसे के लेन-देन की बात सामने आई है। यह पैसा कहां से आना था और कैसे आना था, इसकी जांच चल रही है। जांच के आधार पर आगे की कार्रवाई होगी।
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