जौनपुर: जौनपुर नगर पालिका परिषद में ट्रेंडर के नाम पर भ्रष्टाचार का खेल खेला जा रहा है। टेंडर प्रकिया को नियमानुसार न करके मनमाने तरीके से अपने चहेते ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने की कोशिश की जा रही है। इस संदर्भ में प्रक्रिया में शामिल कुछ लोगों ने आपत्ति जताते हुए जांच कराए जाने की मांग की है। टेंडर प्रक्रिया में शामिल लोगों का आरोप है कि नगर पालिका परिषद द्वारा गत 13 मई, 2022 को जेम र्पोटल के माध्यम से मैन पावर सप्लाई का टेन्डर निकाला गया, जोकि 420 सफाई कर्मिचारियों से अगले 33 महीने तक 18 करोड़ रुपये से होना है। इस टेन्डर में भाग लेने के अन्तिम दिन 28 मई, 2022 तक 90 निविदा दाताओं द्वारा टेन्डर भरे गये थे।
नगर पालिका प्रशासक द्वारा नियुक्त टेक्निकल टीम ने 87 निविदाओं को मनमाना पूर्ण तरीके से टेक्निकली आयोग्य घोषित कर, र्सिफ तीन निविदाओं को टेक्निकली क्वालिफाई किया गया। इसमें ध्यान देने योग्य बात यह है कि पहली बार में जेम र्पोटल पर फाइनेंशियली क्वालिफाई होने के लिए तीन क्वालिफाई टेन्डर का होना जरूरी है।
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बताया गया है कि जिन तीन निविदाओं को टेक्निकली क्वालिफाई किया गया है, वह किसी एक व्यक्ति द्वारा ही अलग-अलग तीन फर्माें द्वारा दिया गया है। यह भी बताया गया है कि उक्त व्यक्ति की टैक्निकली टीम के इंस्पेक्टर और बाबू में काफी गहरी दोस्ती है और नगर पालिका में उसकी गहरी पैठ है। इस सम्बंध में यह भी बताना आवश्यक है कि शासनादेश के तहत टेन्डर डालने के लिए उसके कुल मुल्य का पॉच प्रतिशत धरोहर धनराशि वह डीडी या बैंक गारंटी के रूप में देना जरूरी होता है जो इस कार्य के लिए 90 लाख रुपये इस टेन्डर को कराने के लिए नियुक्त इंस्पेक्टर और बाबू द्वारा अपने चहेते ठेकेदार को यह कार्य दिलाने के लिए टेन्डर के साथ जमा किये जाने वाले धरोहर धनराशि से छूट प्रदान कर निविदा को टेक्निकली क्वालिफाई घाषित कर दिया। जो कि गम्भीर वित्तिय अनिमयता की श्रेणी में आता है।
इस तरह नगर पालिका परिषद के अधिकारी और बाबुओं द्वारा मिलिभगत कर अपने चहेते ठेकेदार को करोड़ों रुपये का ठेका दिलाने के लिए सीधे-सीधे शासन प्रशासन की आंख में धूल झोंकने का काम किया जा रहा है, तो दूसरी ओर प्रदेश सरकार की जीरो टालरेन्स नीति की मंशा पर पानी फेरने का काम किया जा रहा है। इस पूरे प्रकरण में नगर पालिका परिषद के वरिष्ठ अधिकारी की भी मिलिभगत होने की चर्चा है। और पानी का पानी करें।
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