Israel Palestine War: हमास आतंकियों (Hamas) के हमले के बदले में इजराइल अब फिलिस्तीन (Israel Palestine War) को सबक सिखाने में जुट गया है। लड़ाई के दो दिन के अंदर इजराल (Israel) की जवाबी कार्रवाई में गाजा पट्टी में भारी तबाही हुई है। वहीं दोनों तरफ से हमले जारी हैं। हमास (Hamas) अतंकियों की इजराइल (Israel) पर किए गए हमले की जहां हर तरफ निंदा हो रही है, वहीं मुस्लिम कंट्री धार्मिक आधार पर फिलिस्तीन (Palestine) के साथ आ गए हैं। कहा यह भी जा रहा है फिलिस्तीन (Palestine) का यह हमला ईरान की सोची समझी साजिश के तहत किया गया है। वहीं भारत (India) के साथ अमेरिका और युक्रेन इजराइल (Israel) के साथ खड़े हो गए हैं। मुस्लिम समुदाय की अधिकतर आबादी हमास (Hamas) आतंकियों के समर्थन में उतर गए हैं।
हमास आतंकियों की तरफ से इजराइल (Israel) पर जिस तरह हमला बोल कर महिलाओं-पुरुषों और बच्चों के साथ हैवानियत की गई, उससे पूरी मानवता आहत है। वहीं आतंकियों का समर्थन कर मानवता के दुश्मन बन चुके विशेष समुदाय की पोल खुल गई है। हालांकि धर्म की आड़ में ये लोगों शुरू से हैवानियत का खेल खेलते आ रहे हैं। महिलाओं और बच्चों की बेरहमी से कत्ल करने वालों के पक्ष में मुस्लिमों के दिग्गज चेहरे भी सामने आ गए हैं।
If you can look at the situation in Palestine and not be on the side of Palestinians, then you are on the wrong side of apartheid and history will show that in time
— Mia K. (@miakhalifa) October 7, 2023
इतिहास समय आने पर यह दिखाएगा: मिया खलीफा
मिया खलीफा (Mia Khalifa) ने भी ट्वीट कर फिलिस्तीन का साथ दिया है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि- यदि आप फ़िलिस्तीन की स्थिति को देख सकते हैं और फ़िलिस्तीनियों के पक्ष में नहीं हैं, तो आप रंगभेद के ग़लत पक्ष पर हैं और इतिहास समय आने पर यह दिखाएगा। बता दें कि भारत में एजेंडे के तहत कृषि काननों के विरोध में जारी किसानों के आंदोलन का भी सपोर्ट करके मिया खलीफा (Mia Khalifa) चर्चा में आ गई थीं। ऐसे लोगों के सपोर्ट से पता चल गया था कि भारत के किसानों को कृषि कानूनों को लेकर भड़काने के पीछे कौन-कौन लोग थे। हालांकि भारी विरोध के बाद केंद्र की मोदी सरकार ने कृषि कानून को वापस ले लिया था।
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स्वरा ने इजराइल का सपोर्ट करने वालों पर खड़े किए सवाल
फिलिस्तीन और इजराइल के बीच जारी जंग के बीच मानता को बचाने के लिए लड़ रहे इजराइल के सपोर्ट का भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जहां एलान कर चुके हैं। वहीं भारत के अधिकत्तर मुस्लिम फिलिस्तीन के सपोर्ट में खड़े हैं। इन्हीं में से एक नाम गजवा-ए-हिंद का मोहरा बन चुकी अभिनेत्री स्वरा भास्कर (Swara Bhaskar) का भी जुड़ गया है। देश विरोधी कोई भी गतिविधि हो स्वरा भास्कर (Swara Bhaskar) का उसमा नाम आ ही जाता है। स्वरा भास्कर ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट से इजराइल का सपोर्ट करने वालों पर ही सवाल खड़ा कर दिया है। स्वारा के पोस्ट में फिलिस्तीन का दर्द तो झलक रहा है, लेकिन उनकी हैवानियत नजर नहीं आ रही है। उन्होंने इंस्टा स्टोरी पर इजराइल के समर्थकों पर कमेंट करते हुए लिखा- अगर आपको तब शॉक नहीं लगा जब इजराइल ने फिलिस्तीन पर अटैक किया, जब इजराइलियों ने फिलिस्तीन के लोगों के घर तबाह किए और जबरदस्ती छीन लिए, फिलिस्तीन के बच्चों और टीनएजर्स को नहीं बख्शा, करीब 10 सालों तक लगातार गाजा पर अटैक किया और बमबारी की तो मुझे इजराइल पर हुए अटैक पर शोक मना रहे लोगों का ये कृत पाखंड भरा लग रहा है। इसके साथ ही उन्होंने इस मामले में कुछ और लोगों के पोस्ट शेयर किए हैं।
"अल्लाहु अकबर" चिल्लाते हुए जान बचाने के लिए भाग रहे फलीस्तीनी।
गाज़ा पट्टी पर इजरायल की ताबड़तोड़ बमबारी। pic.twitter.com/iR0RGzyvDp
— Panchjanya (@epanchjanya) October 8, 2023
हमास ने रॉकेट हमले से दी युद्ध की चुनौती
गौरतलब है कि 7 अक्टूबर को सुबह, इजराइल और फिलिस्तीन के बीच एक तनावपूर्ण स्थिति पैदा हुई जब हमास ने महज 20 मिनट में इजराइल पर 5 हजार रॉकेट दागे। इन रॉकेटों ने रिहायशी इमारतों को लकड़हाड़ बना दिया और इसके परिणामस्वरूप 300 से ज्यादा लोगों की जान गई और तकरीबन 1000 लोग घायल हुए। हमास ने इस हमले को “ऑपरेशन अल-अक्सा फ्लड” का नाम दिया, और इसके परिणामस्वरूप इजराइल ने वीडियो संदेश के माध्यम से ‘युद्ध’ की घोषणा की। इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि वे इस युद्ध में हैं और वे जीतेंगे।
यहूदी और फिलिस्तीनी समुदायों तनाव का है लंबा इतिहास
इस विवाद के पीछे यहूदी और फिलिस्तीनी समुदायों के बीच दशकों से चल रहे तनाव का इतिहास है। इसका उत्पत्ति ब्रिटिश मानवाधिकार चार्टर के बाद हुआ, जिसमें यहूदी और अरब समुदायों के बीच भूमि मामले को सुलझाने की कोशिश की गई थी। इसके परिणामस्वरूप 1947 में संयुक्त राष्ट्र ने फिलिस्तीन को दो हिस्सों में विभाजित किया, लेकिन यह निर्णय तनाव को और बढ़ा दिया।
एक-दो दिन में इजरायल गाजा पट्टी का गाजा अलग और पट्टी अलग कर देगा..! pic.twitter.com/pcgqDk0bbp
— Jibu Sinha 🇮🇳(Modi ka parivar) (@sinha_jibu) October 7, 2023
1980 में हुई थी हमास की स्थापना
हमास, जिसकी स्थापना 1980 में हुई थी, एक चरमपंथी संगठन और राजनीतिक पार्टी है, जो इसराइल के खिलाफ फिलिस्तीनी लोगों के अधिकार की रक्षा करता है। हमास गाजा स्ट्रिप से ऑपरेट करता है और वहां सरकारी कार्य करता है, जबकि इसका मिलिट्री विंग ‘इज्जेदीन अल-कासम ब्रिगेड’ है, जो इजराइल पर हमले करता है।
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इस विवाद की मूल कहानी 20वीं सदी के पहले उत्तर मध्य पूर्व के इतिहास में ढकली गई है, जब ब्रिटिश मानवाधिकार चार्टर के बाद इस्राइल के गठन की कवायद तय की गई थी। इसके बाद कई युद्ध और तनावों के बावजूद, इस क्षेत्र में सुलझाव की कोशिशें की गई हैं, लेकिन यह विवाद आज भी जारी है और समाधान की कोई संकेत दिखाई नहीं देता है।
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