Health tips: ठंड का मौसम शुरू होने वाला है, ऐसे में गठिया रोग से पीड़ित मरीजों की चिंताएं बढ़ने लगी है। ठंड के मौसम में वैसे सामान्य लोगों को जोड़ों के दर्द की शिकायत हो जाती है, लेकिन जो गठिया रोग से पीड़ित हैं उनका दर्द असहनीय हो जाता है। गठिया रोग, जिसे रेशमार्गी अर्थराइटिस भी कहा जाता है, एक अधिक व्यक्तिगत रोग होता है और इसके लक्षण व्यक्ति के रूचि, आकार, और रूग्णता के स्तर पर भिन्न हो सकते हैं। हालांकि ये लक्षण व्यक्ति से व्यक्ति वर्ग विशेष के हो सकते हैं, गठिया रोग के कुछ सामान्य लक्षण निम्नलिखित होते हैं:
सूजन (Swelling):
गठिया रोग के प्रमुख लक्षण में से एक है सूजन। जोड़ों की सूजन आसानी से देखी जा सकती है और यह आमतौर पर जोड़ों के आसपास होती है।
दर्द (Pain):
जोड़ों में दर्द गठिया रोग का अहम लक्षण है। यह दर्द आमतौर पर जोड़ों की सुबह उठने के बाद या लंबी अवधि तक बैठने या चलने के बाद बढ़ जाता है।
स्टिफनेस (Stiffness):
सुबह के समय जोड़ों में स्टिफनेस भी हो सकती है, जिससे व्यक्ति को जोड़ों की गतिविधियों में कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।
गठिया नोड्स (Rheumatoid Nodules):
कुछ लोगों को गठिया रोग के कारण गठिया नोड्स कहलाने वाले छोटे गांठों की विकसन हो सकती है, जो जोड़ों के पास होती हैं।
उन्हें आक्षेपिती रोग (Rheumatoid Arthritis):
गठिया रोग व्यक्तिगत रोग होता है, जो आपकी खोजी रक्तपरिमाणियों (आपकी खोजी रक्तपरिमाणियों को आपके खुद के शरीर से गलत तरीके से हमला करने वाली शरीर की स्वतंत्र प्रतिरक्षा प्रणाली की गड़बड़ी करती है) के खिलाफ काम करता है। यह आपके जोड़ों को हानि पहुंचा सकता है और उन्हें नष्ट कर सकता है।
थकान और मलैस (Fatigue and Malaise):
गठिया रोग के रोगी अक्सर थक जाते हैं और शारीरिक मलैस महसूस करते हैं, जो उनके दिनचर्या को प्रभावित कर सकता है।
यदि आपको लगता है कि आपके या किसी अन्य व्यक्ति के जोड़ों में गठिया रोग के लक्षण हैं, तो आपको एक चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए। गठिया रोग का सही निदान और उपचार चिकित्सक के सुझाव के आधार पर किया जाता है। तब तक, स्वस्थ जीवनशैली और आहार पर ध्यान देना भी महत्वपूर्ण हो सकता है जो आपके स्वास्थ्य को सुधार सकता है।
गठिया रोग के आयुर्वेदिक इलाज
गठिया रोग (रेशियमति, आर्थराइटिस) आयुर्वेद में समय-समय परिवर्तन कर सकता है, लेकिन यहाँ पर कुछ आयुर्वेदिक उपायों को सूचीबद्ध किया गया है जो इस रोग के इलाज में मदद कर सकते हैं:
आहार और जीवनशैली:
गठिया रोग के मरीजों को सब्जियों, फलों, और अन्य पौष्टिक आहार का सेवन करना चाहिए।
अपनी जीवनशैली में नियमित व्यायाम करें और व्यस्त रहें।
गुग्गुल (Commiphora mukul):
गुग्गुल एक प्राकृतिक औषधि है जो गठिया रोग के इलाज में मदद कर सकती है।
यह सूजन को कम करने में मदद कर सकता है और जोड़ों की दर्द को कम कर सकता है।
आयुर्वेदिक औषधियां:
महायोगराज गुग्गुल, सिंधुवारीस्तीली, पुनर्नवा, गुडूची, अश्वगंधा, और गोक्षुरादि आयुर्वेदिक औषधियां जोड़ों के दर्द को कम करने के लिए प्रयोग की जा सकती हैं।
पंचकर्मा थेरेपी:
पंचकर्मा थेरेपी जैसे विशेष प्रकार के शोधन चिकित्सा के तरीकों का अभ्यास किया जा सकता है, जैसे कि विरेचन (पुर्गेशन) और बस्ति (एनिमा)।
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प्राणायाम और योग:
प्राणायाम और योग के अभ्यास से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को सुधार सकता है, जिससे गठिया रोग के लक्षणों को कम किया जा सकता है।
कृपया ध्यान दें कि इन उपायों का इस्तेमाल करने से पहले एक प्रशिक्षित आयुर्वेदिक डॉक्टर से परामर्श लेना सुनिश्चित करें, क्योंकि उपयुक्त उपचार परिपूर्ण और सुरक्षित होना चाहिए। डॉक्टर की सलाह के बिना किसी भी आयुर्वेदिक औषधियों का सेवन न करें।
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