-गुजराती यादव समाज को भाजपा से जोड़ने में जुटे मोहित यादव
संजय तिवारी
Gujarat Assembly Elections: कानपुर में भगवा रंग में रंग चुका मेहरबान सिंह का पुरवा अब गुजरात में कमल खिलाने में अपनी ताकत झोंक रहा है। चौधरी हरमोहन सिंह पौत्र और चौधरी सुखराम सिंह यादव के पुत्र चौधरी मोहित यादव अपने दलबल के साथ गुजरात में भाजपा के पक्ष में यादव मतदाताओं को जोड़ने में जुट गए हैं। ये वही मोहित यादव हैं जिनको प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भाई (prime minister narendra modi movie) कह कर संबोधित करते हैं। उत्तर प्रदेश में यादव राजनीति का गढ़ कहे जाने वाले मेहरबान सिंह का पुरवा को लेकर प्रधानमंत्री स्वयं काफी कुछ कह चुके हैं। अब मेहरबान सिंह का पुरबा की पूरी विरासत ने मोदी को और भी मजबूत बनाने का संकल्प ले लिया है।
सूत्र बताते हैं कि चौधरी मोहित यादव और पूर्वांचल के कालीशंकर यादव मिल कर एक साल से यदुकुल शिरोमणि समागम करके एक आंदोलन भी चला रहे हैं। अब चौधरी मोहित यादव ने गुजरात में इसकी जरूरत समझ कर अपने अभियान का रुख उधर कर दिया है। ऐसा माना जा रहा है कि गुजरात (prime minister narendra modi movie) में बहुत बड़ी संख्या में यादव समाज निवास करता है। वहां काफी संख्या उत्तर प्रदेश और पूर्वांचल के यादवों की भी है। ऐसे में मोहित यादव और कालीशंकर की जोड़ी का बहुत अच्छा प्रभाव अवश्य है। वैसे भी मोहित यादव का परिवार भारत के सभी क्षेत्रों में अखिल भारतीय यादव महासभा का नेतृत्व करता रहा है। मोहित यादव के पिता चौधरी सुखराम सिंह यादव स्वयं इसके अखिल भारतीय उपाध्यक्ष हैं।
चौधरी सुखराम सिंह यादव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (prime minister narendra modi movie) के अति प्रशंसक भी हैं। अब जबकि मोहित यादव ने भाजपा के साथ अपनी रजानीतिक यात्रा शुरू कर दी है, तो ऐसे में उनके पिता की पूरी विरासत निश्चित रूप से मोहित को और भी शक्तिशाली बनाने में लग रही है।
ऐसा कहा जा रहा है कि कभी सपा के गढ़ और मुलायम सिंह यादव के सारथी कहे जाने वाले चौधरी हरमोहन सिंह के आंगन में अब राष्ट्रवाद खिल चुका है। उनकी तीसरी पीढ़ी के होनहार ने अपने समाज को जिस तरह से संघ और भाजपा के करीब किया है वह विश्लेषण करने योग्य है। बताया जा रहा कि मोहित यादव की मुलाकात कुछ महीने पहले ही प्रधानमंत्री से हुई थी। इसी मुलाकात में इस परिवार ने प्रधानमंत्री को कानपुर आने का न्यौता दिया था। प्रधानमंत्री (prime minister narendra modi movie) ने इस आमंत्रण को मन से स्वीकार किया। वह 25 जुलाई को कानपुर में चौधरी हरमोहन सिंह यादव की पुण्यतिथि पर आयोजित समारोह के मुख्य अतिथि थे।
इस समारोह को प्रधानमंत्री (prime minister narendra modi movie) ने एक घंटे तक संबोधित भी किया। वैसे तो यह एक कार्यक्रम था लेकिन इस कार्यक्रम के निहितार्थ बहुत हैं। जिस चौधरी हरमोहन सिंह की पुण्यतिथि का यह कार्यक्रम है वह अखिल भारतीय यादव महासभा के अध्यक्ष भी रहे हैं। चौधरी साहब को मुलायम सिंह यादव हमेशा छोटे साहब कहते थे। चौधरी हरमोहन सिंह ही वह शक्ति थे, जिन्होंने चौधरी चरण सिंह से यादवों का नेतृत्व मुलायम सिंह यादव के हवाले किया था। इसी चौधरी हरमोहन सिंह के बल से मुलायम सिंह यादव ने लोकदल ब का गठन किया।
चौधरी हरमोहन सिंह सदैव मुलायम सिंह के साथ सारथी के रूप में रहे। अब यहां इस तथ्य पर ध्यान देने की जरूरत है कि आखिर ऐसा क्या हुआ कि चौधरी हरमोहन सिंह की तीसरी पीढ़ी को राष्ट्रवाद भा गया। यह अलग बात है कि इस परिवार को संघ और भाजपा के लोग बहुत दिनों से राष्ट्रवाद की मुख्यधारा की राजनीति से जोड़ना चाह रहे थे। मोहित यादव के पिता यद्यपि समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सदस्य रहे, लेकिन विगत वर्षों में अनेक ऐसे अवसर आये जब वह एक प्रखर राष्ट्रवादी के रूप में दिखे। अभी हाल ही में श्रीकृष्ण धर्म ट्रस्ट द्वारा काशी में आयोजित यदुकल शिखर समागम में चौधरी सुखराम सिंह यादव ने सनातन जीवन और राष्ट्रवाद को लेकर लंबा भाषण दिया।
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स्वाभाविक है कि यह सब इस समाजवादी गढ़ को संघ और भाजपा से जुड़ने का ही प्रभाव है। कानपुर और लखनऊ में इस परिवार को जानने वाले राजनीति के जानकार लोग बताते हैं कि चौधरी हरमोहन सिंह यादव भी स्वभाव से प्रखर राष्ट्रवादी थे। उनका राष्ट्रवाद उस समाजवाद में समाहित था जो वास्तव में राष्ट्र और समाज के वंचितों की चिंता करता था। इसीलिए उन्होंने मुलायम सिंह यादव को आगे बढ़ाया। अब समाजवादी राजनीति में मुस्लिम तुष्टिकरण की नीति ने इस परिवार को कहीं न कहीं सोचने पर विवश किया और इस गढ़ का रंग केसरिया हो गया। अब इस कुनबे का नेतृत्व मोहित यादव कर रहे है। मोहित यादव को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियां और चिंतन बेहद पसंद है। अब मोहित यादव का अभियान गुजरात मे शुरू हो रहा है तो इसका असर अवश्य दिखेगा।
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