रायबरेली: सरकारी अस्पताल व्यवस्थाओं को लेकर हमेशा सवालों के घेरे में बने रहते है। इसे सुधारने की दिशा में तमाम प्रयास भी किए गए, लेकिन स्वास्थ्य कर्मियों की मनमानी के चलते सभी प्रयास नाकाफी साबित दिख रहे हैं। रायबरेली के एएनएम सेंटर से इसी तरह की घोर लापरवाही का मामला सामने आया है। यहां एएनएम सेंटर के खुलने के इंतजार में प्रसव पीड़ा से तड़प रही महिला ने सड़क पर बच्चे को जन्म दे दिया। असुरक्षित प्रसव के चलते नवजात की जान नहीं बच सकी, जबकि महिला की हालत भी गंभीर बनी हुई है।
जानकारी के मुताबिक भदोखर गांव की महिला उर्मिला को प्रसव होना था। परिजन प्रसव कराने के लिए उसे एएनएम सेंटर ले गए, लेकिन वहां ताला लटक रहा था। वहां पर न तो कोई डॉक्टर था और न ही कोई स्टॉफ। परिजन सेंटर के बाहर एएनएम के स्टाफ का इंतजार कर रहे थे कि प्रसव पीड़ा से तड़प रही महिला ने जमीन पर ही बच्चे को जन्म दे दिया। असुरक्षित प्रसव के चलते बच्चा बच नहीं सका, वहीं महिला की हालत गंभीर बताई जा रही है।
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गौरतलब है कि प्रसव पीड़ा से तड़प रही महिला को परिजन जिस एएनएम पर पहुंचे थे वहां चार स्टॉफ की तैनाती है। इनमें एक डॉक्टर, तीन नर्स और एक सफाई कर्मी है। एएनएम सेंटर खुलने का समय सुबह 8 बजे का है। महिला के परिजनों के मुताबिक वह सेंटर पर 8.30 बजे पहुंचे थे, लेकिन वहां ताला लटक रहा था। जबकि स्थानीय लोगों का आरोप है कि सेंटर पर डॉक्टर और अन्य स्टॉफ कभी कभार ही आते हैं। इस संदर्भ में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से उनका पक्ष जानने की कोशिश की गई, मगर वह ऐसी किसी जानकारी होने से इनकार कर दिया। बता दें जिम्मेदारों के इसी बचाव के चलते स्वास्थ्य व्यवस्थाएं बद से बदतर होती जा रही हैं।
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