Gorakhpur: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने कहा है कि सड़क, आवास, बिजली जैसी बुनियादी सुविधाएं आमजन तक पहुंचाने के लिए सरकार ने शानदार कार्य किया है। फिर भी यदि किसी को इन सुविधाओं को लेकर कहीं कोई समस्या है तो उसका जल्द से जल्द निराकरण किया जाएगा। उन्होंने आश्वस्त किया कि जिन्हें आवास की समस्या रह गई है, उन्हें आवास उपलब्ध कराया जाएगा। कहीं किसी गांव-मोहल्ले में सड़क की दिक्कत रह गई है, तो वहां सड़क मरम्मत या निर्माण कराया जाएगा। बिजली के बकाया बिल भी बोझ नहीं रहेंगे, पुनरीक्षित कराकर किस्तों में भुगतान की सुविधा दी जाएगी।
गुरुवार को कन्या पूजन से पूर्व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने गोरखनाथ मंदिर में महंत दिग्विजयनाथ स्मृति सभागार के सामने आयोजित जनता दर्शन में करीब 300 लोगों से मुलाकात कर उनकी समस्याएं सुनीं। सबको भरोसा दिया कि हर व्यक्ति की समस्या का हल उनकी सरकार की प्राथमिकता है। जनता दर्शन में एक महिला ने सीएम योगी से आवास के लिए गुहार लगाई। इस पर उन्होंने कहा कि निराश या परेशान मत हों, सरकार उनके लिए जल्द ही आवास की व्यवस्था कर देगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि किसी भी दशा में कोई भी गरीब बेघर नहीं होना चाहिए। किसी के पास जमीन न होने के कारण आवास नहीं है तो उसके लिए जमीन की व्यवस्था करते हुए सरकारी योजना के तहत आवास बनाकर दिया जाए। एक अन्य महिला ने अपने मोहल्ले में सड़क की समस्या बताई। मुख्यमंत्री ने उसे भी आश्वस्त करने के साथ अधिकारियों को सड़क बनवाने का निर्देश दिया।
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बकाया बिजली बिल पुनरीक्षित कराकर किस्त भी बांधेंगे
सबसे रोचक मामला यह था कि एक महिला अपने बकाया बिजली बिल की समस्या लेकर सीधे मुख्यमंत्री के ही पास पहुंची थी। सीएम योगी ने सहजता से उसकी भी समस्या सुनी। महिला बिल भुगतान के लिए किस्त बांधने की सुविधा चाह रही थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि परेशान मत हों, बकाया बिल जमा करने को किस्त तो बंधवाएँगे ही, यथासंभव बकाया कम करने को उसके बिजली बिल का पुनरीक्षण भी कराएंगे। इसे लेकर उन्होंने तत्काल अधिकारियों को पहल करने की हिदायत भी दी। सीएम के इस व्यक्तिगत पहल पर महिला अभिभूत हो गई।
जनता दर्शन में आए पुलिस व राजस्व से जुड़े मामलों पर उन्होंने त्वरित, गुणवत्तापूर्ण और संतुष्टिपरक कार्यवाही का निर्देश दिया। साथ ही इलाज के लिए आर्थिक सहायता की गुहार लेकर पहुंचे लोगों को भरोसा दिया कि इलाज में धन की कमी आड़े नहीं आएगी। इस्टीमेट की प्रक्रिया पूर्ण होते ही विवेकाधीन कोष से धनराशि जारी कर दी जाएगी।
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