लखनऊ: जीवन में किसी भी चीज को पाने के लिए मेहनत से पहले मजबूत इच्छाशक्ति और दृढ़संकल्प का होना बेहद जरूरी है। युवाओं को अपने अंदर सकारात्मक सोच रखनी चाहिए, जो उन्हें सफल बनाने का काम करेगी। इसके साथ ही बौद्धिक विकास भी बहुत आवश्यक है, ऐसे में गुणवत्तापरक शिक्षा प्राथमिकता में होना चाहिए। उक्त उद्गार मुख्य अतिथि मेजर जनरल एके चतुर्वेदी ने आजादी के अमृत महोत्सव पर आयोजित राष्ट्रहित सर्वोपरि कार्यक्रम के 13वें अंक में व्यक्त किए। यह कार्यक्रम सरस्वती कुंज, निराला नगर के प्रो. राजेन्द्र सिंह (रज्जू भैया) उच्च तकनीकी (डिजिटल) सूचना संवाद केन्द्र में विद्या भारती, एकल अभियान, इतिहास संकलन समिति अवध, पूर्व सैनिक सेवा परिषद एवं विश्व संवाद केन्द्र अवध के संयुक्त अभियान में चल रहा है।
मुख्य अतिथि मेजर जनरल एके चतुर्वेदी ने कहा कि विविधता में एकता हमारे देश की सबसे बड़ी ताकत है, इसे एकजुट बनाए रखना हमारी सबसे बड़ी जीत है। उन्होंने कहा कि हमें अपने अधिकारों से पहले कर्तव्यों के बारे में सोचने की आवश्यकता है। हमें स्वयं के हित से पहले उन लोगों की सुरक्षा और हित के बारे में सोचना चाहिए, जो हम पर आश्रित हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी क्षेत्र में नेतृत्व करते समय हमें अपने साथियों का ध्यान रखना चाहिए, यही अच्छे नेतृत्वकर्ता का गुण है। हमें अपने कार्य को साहसपूर्वक करना चाहिए। हमें हर समय, हर स्थान और हर स्थिति में राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसी भी राष्ट्र की असली ताकत उसकी बौद्धिक सम्पदा होती है, जिसके बल पर कोई भी राष्ट्र अन्य सभी शक्तियों को हासिल कर सकता है।
विशिष्ट अतिथि केजीएमयू के चिकित्सक डॉ. अजय वर्मा ने कहा कि सेना का एक जवान अपने राष्ट्र के लिए सब कुछ बलिदान करता है, उसी प्रकार हम चाहें किसी भी क्षेत्र में कार्य करें, हमारे के लिए राष्ट्रहित ही सर्वोपरि होना चाहिए। हमें जाति, धर्म और बिना भेदभाव के कार्य करना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज हम देश की आज़ादी का 75वां वर्ष अमृत महोत्सव के रूप में मना रहे हैं, लेकिन आज़ादी हमें कितने संघर्षों व वीर सेनानियों के बलिदान के बाद मिली, यह युवा पीढ़ी को बताने की जरूरत है। इसके साथ ही हम उन बलिदानियों से प्रेरणा लेकर अपने-अपने क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान दें, तभी हम उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि दे पाएंगे।
मुख्य वक्ता प्रोफेसर (मेजर) आरके शुक्ला ने कहा कि आजादी के 75वें वर्ष पर अमृत महोत्सव कार्यक्रम से युवा पीढ़ी में देशभक्ति की भावना जाग्रत हो रही है। ऐसे कार्यक्रमों से युवाओं में सैन्य क्षेत्र में जाने का उत्साह भी बढ़ रहा है। उन्होंने विद्या भारती से अपने पाठयक्रम में एनसीसी को शामिल किए जाने जोर दिया। उन्होंने कहा कि स्कूलों में एनसीसी की सीटें बढ़ने से युवाओं में देशभक्ति की भावना जगेगी और सैन्य सेवाओं के लिए उन्हें प्रेरणा भी मिलेगी। एनसीसी व अन्य सैन्य प्रशिक्षण से बालकों में अनुशासन के साथ-साथ इच्छाशक्ति मजबूत होती है। उन्होंने कहा कि हम किसी भी क्षेत्र में कार्य करें, लेकिन हमारे लिए राष्ट्रहित सर्वोपरि होना चाहिए।
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कार्यक्रम अध्यक्ष विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश के बालिका शिक्षा प्रमुख उमाशंकर ने कहा कि सैन्य शिक्षा, सामान्य शिक्षा, नैतिक शिक्षा सभी का आधार विद्या भारती है। यहां विद्यालयों में बालकों के भीतर अनुशासन, नैतिकता, देशप्रेम की भावना और श्रेष्ठ गुणों को जगाने का कार्य होता है। उन्होंने कहा कि विद्या भारती संस्थान ने राष्ट्रहित को सर्वोपरि माना है और वर्तमान में विद्या भारती के पूर्व छात्र देशहित में कई विभिन्न पदों पर कार्यरत हैं।
विशिष्ट अतिथि एकल अभियान के प्रभाग उपाध्यक्ष मनोज मिश्रा ने कार्यक्रम की प्रस्ताविकी रखी। इसके साथ ही उन्होंने अतिथियों का परिचय भी कराया। इतिहास संकलन समिति, अवध प्रांत के सदस्य डॉ. गिरिजेश त्रिपाठी ने सभी अतिथियों को आभार ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश के प्रचार प्रमुख सौरभ मिश्रा ने किया। इस अवसर पर विंग कमांडर अभिषेक मतिमान, कर्नल अनिल आहूजा, रेनू चतुर्वेदी, विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश के सह प्रचार प्रमुख भास्कर दूबे, सत्यानंद पाण्डेय, कार्यक्रम संयोजक डॉ. मुकेश वर्मा, 63 यूपी राष्ट्रीय कैडेट कोर बटालियन, लखनऊ के कैडेट्स सहित कई लोग मौजूद रहे।
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