प्रकाश सिंह
Election Result: चुनाव में हार जीत तो लगी रहती है। लेकिन लगातार मिल रही हार से सबक लेने की जरूरत होती है, और जो ऐसा नहीं करता उसकी हालत कांग्रेस पार्टी की तरह हो जाती है। पांच राज्यों में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में चार राज्यों का चुनाव परिणाम करीब-करीब आ चुका है। चार राज्यों में राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में बीजेपी वहीं एक राज्य तेलंगाना में कांग्रेस बड़ी जीत की ओर है। मजे की बात यह है जीतने वाले तीन राज्यों में भारतीय जनता पार्टी मध्य प्रदेश में जहां एक बार फिर सरकार बनाने जा रही है, वहीं राजस्थान और छत्तीसगढ़ दोनों राज्य कांग्रेस से छीनने में सफल रही है। ये वे राज्य है जिन्हें मीडिया भी बता रही थी कि कांग्रेस हार रही है। लेकिन यूट्यूबर्स चाटुकारों से घिरी कांग्रेस सच स्वीकारने को तैयार नहीं थी। अब जबकि नतीजे सामने आ रहे हैं तो यूट्यूबर्स धुरंधर चुप्पी साध बैठे हैं।
कांग्रेस को अपनी नाकामी माननी ही होगी
गौरतलब है कि वर्ष 2014 के बाद से कांग्रेस लगातार चुनाव हार रही है। बावजूद इसके वह खुद में सुधार करने और हार का कारण ढूंढने की जगह हार का ढीकरा ईवीएम पर लगाकर खुद की नाकामी से पल्ला झाड़ती चली आ रही है। ईवीएम को दोष देने के बाद निर्वाचन आयोग को निशाने पर लिए और जब इससे काम नहीं चला तो दलाल व चाटुकारों के कहने पर पत्रकारों की नियत पर सवाल उठाने शुरू कर दिया। आलम यह है कि विपक्षी दल से जुड़े लोग और यूट्यूबर्स छाप पत्रकार सही मायने में पत्रकारिता कर रहे लोगों को गोदी मीडिया बुलाना शुरू कर दिया। ऐसा भी नहीं है कि कांग्रेस सभी राज्यों में चुनाव हार रही है, लेकिन सच यह भी है कि कांग्रेस जिन राज्यों में चुनाव जीत रही है, वहां बीजेपी के वोर्ट्स ही नहीं है। जिस राज्य में मुस्लिम और ईसाई आबादी ज्यादा है, वहां बीजेपी की हार तय है। इसे अब तक के आंकड़े बताते हैं।
आइना झूठ नहीं बोलता
विपक्ष को लगता है कि जो उन्हें आइना दिखा रहा है वह गलत है। विपक्ष अपना चेहरा साफ करने की जगह आइने को झूठा बताकर खुद की बाहवाही करने में मशगूल है। खुद को निष्पक्ष बताने वाले यूट्यूबर्स छाप पत्रकार अजीत अंजूम, प्रज्ञा मिश्रा व संजय शर्मा सरीके लोग हर राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने के दावे कर आका को खुश करने में मस्त हैं। यह वही पत्रकार हैं जिन्होंने छत्तीसगढ़, राजस्थान और मध्य प्रदेश में कांग्रेस पार्टी के लिए चुनाव में जबरदस्त कैंपेन किया। सब जगह कांग्रेस की सरकार बनने का दावा किया। कांग्रेस भी हकीकत समझने की जगह चाटुकार पर भरोसा कर मीडिया रिपोर्ट को खारिज कर सब जगह खुद की सरकार बनने का दावा करने लगी। आलम यह रहा कि मतगणना से पहले मध्य प्रदेश कांग्रेस कार्यालय भोपाल में कमलनाथ की सरकार बनने के होर्डिंग तक लगा दिए गए।
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कांग्रेस के लिए सबक है चुनाव परिणाम
विधानसभा के चुनावों में एक साथ तीन राज्यों में मिली करारी शिकस्त लोकसभा चुनाव 2024 से पहले कांग्रेस के लिए सबक है। चापलूस, चाटुकार नेता, सोशल मीडिया और यूट्यूबर्स से घिरी कांग्रेस को जमीनी हकीकत समझनी होगी। सोशल मीडिया पर मोदी सरकार को केवल गाली देने से कांग्रेस को सत्ता मिलने वाली नहीं है। इसके लिए पत्रकारों की तरफ से गिनाई जा रही कांग्रेस की खांमियों को पार्टी को समझना होगा। उन्हें यह मानना होगा कि जो वास्तव में पत्रकार हैं, वह कांग्रेस को खुश करने के लिए गलत तथ्य व आंकड़े नहीं प्रस्तुत करेंगे। क्योंकि जब मीडिया जबतक निष्पक्ष है, पत्रकारिता जीवंत रहेगी, यूट्यूबर्स के बोलने से कोई गोदी व मोदी मीडिया नहीं होता।
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