गोंडा: जहां चाह होती है, वहां राह भी निकल ही आती है- इस बात को सच कर दिखाया है गोंडा की होनहार बेटी दीक्षा सिंह ने। बिना किसी कोचिंग क्लास के, सिर्फ घर पर रहकर कड़ी मेहनत और आत्मविश्वास के दम पर दीक्षा ने राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता परीक्षा में ऑल इंडिया रैंक 1240 (क्रमांक 610) हासिल कर पूरे जिले और राज्य का सिर गर्व से ऊँचा कर दिया है।

घर ही बना कोचिंग सेंटर, आत्मविश्वास बना ताकत

दीक्षा ने अपनी तैयारी के लिए किसी कोचिंग या गाइडेंस क्लास का सहारा नहीं लिया, बल्कि ऑनलाइन संसाधनों और आत्म-अध्ययन के बल पर यह सफलता हासिल की। उन्होंने यह साबित कर दिया कि सुविधा की कमी कभी भी सफलता की राह में रुकावट नहीं बन सकती, अगर इरादे मजबूत हों और मेहनत सच्ची हो।

माता-पिता बने प्रेरणा का स्तंभ

दीक्षा के पिता राजकुमार सिंह, जो उत्तर प्रदेश पुलिस विभाग में कार्यरत हैं, और उनकी मां जो गृहणी हैं, दोनों ने हर कदम पर बेटी का साथ दिया। घर के साधारण माहौल को उन्होंने शिक्षा के लिए सर्वश्रेष्ठ वातावरण बना दिया। माता-पिता के संबल और अपने आत्मबल के साथ दीक्षा ने यह सफलता अपने दूसरे प्रयास में प्राप्त की।

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बेटी बनी जिले का अभिमान

दीक्षा की इस उपलब्धि पर सिर्फ उनके परिवार ही नहीं, बल्कि पूरा गोंडा जिला गौरवान्वित महसूस कर रहा है। उनकी इस सफलता ने एक बार फिर यह संदेश दिया कि बेटियाँ सिर्फ परिवार की नहीं, पूरे समाज की शक्ति होती हैं।

सरकार की नीति को बताया सफलता का आधार

दीक्षा ने अपनी संघर्ष-गाथा को न्यूजचुस्की के साथ साझा करते हुए बताया कि तैयारी के दौरान कई बार मानसिक उलझनें आईं, लेकिन कभी हार नहीं मानी। इस मौके पर उन्होंने योगी सरकार की निष्पक्ष भर्ती प्रक्रिया के लिए भी आभार जताया और कहा कि सरकार की पारदर्शी व्यवस्था ने उन्हें यह अवसर दिया, जिससे वे इस मुकाम तक पहुंच सकीं। दीक्षा ने यह भी कहा कि यदि लड़कियाँ ठान लें, तो किसी भी लक्ष्य को हासिल कर सकती हैं। उन्होंने देश की अन्य बेटियों से आह्वान किया कि वे खुद पर भरोसा रखें और प्रयास जारी रखें, चाहे रास्ता कितना भी कठिन क्यों न हो।

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