Basti: ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युत व्यवस्था सुधारने की दिशा में उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन की तरफ से लगातार प्रयास जारी हैं। इसी के तहत जर्जर तारों व पोल को बदलकर विद्युत आपूर्ति व्यवस्था को और चुस्त-दुरुस्त किया जा रहा है, लेकिन विद्युत विभाग के भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों के चलते सरकार की मंशा और नीयत पर सवाल उठ रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में जर्जर हो चुके विद्युत पोल और तार बदलने के नाम पर उपभोक्ताओं से विभाग की तरफ से मनमानी वसूली की जा रही है।

Electricity department corruption

जानकारी के मुताबिक बस्ती जनपद के कप्तानगंज उपकेंद्र के दुबौला हरदी फीडर अंतर्गत बेलघाट ग्रामसभा में इन दिनों विद्युत सुदृढ़ीकरण का कार्य कराया जा रहा है। बेलघाट बाजार के दक्षिण पुरवा में विद्युत सुदृढ़ीकरण के नाम पर पुराने तारों को हटाए जाने से यहां के अधिकतर घरों की बिजली आपूर्ति बंद हो गई है। भीषण गर्मी के बीच बिजली आपूर्ति न होने से लोगों का जीवन नरकीय बन गया है। वहीं बिजली आपूर्ति बाधित करने के बाद विभागीय कर्मचारियों की ओर से तार और पोल बदलने के नाम पर उपभोक्ताओं से मनमाने रूप से पैसे की डिमांड की जा रही है, जिससे लोगों में काफी आक्रोश है।

पोल लगाने के नाम पर पांच हजार रुपये की डिमांड

बेलघाट गांव के विद्युत उपभोक्ता इस्लाम, सल्लू, कल्लू व अन्य का कहना है कि विद्युत सुदृढ़ीकरण के नाम पर पुराने खंभों का उखाड़ दिया गया है, जिसे अब सड़क के किनारे फिर से गाड़ कर सप्लाई शुरू करने की बात कही जा रही है। मगर इसके लिए सुदृढ़ीकरण कार्य में लगे कर्मचारियों की तरफ से पैसे की मांग की जा रही है। इन लोगों ने बताया कि शुरुआत में हम लोगों ने चंदा लगाकर विद्युत कर्मियों की मांग को पूरा कर दिया। लेकिन कुछ जगहों पर तार खींचे जाने के बाद अब विद्युत कर्मियों की तरफ से पोल कम होने की बात कही जा रही है। ऐसे में जब उनसे बिजली सप्लाई सुनिश्चित करने की बात की गई तो जेई व अन्य कर्मियों की तरफ से प्रति पोल पांच हजार रुपये की मांग की जा रही है। साथ ही यह भी धमकी दी जा रही है कि पैसा न देने पर न तो पोल लगाए जाएंगे और न ही बिजली सप्लाई शुरू हो पाएगी।

अधिकारियों की चुप्पी पर सवाल

विद्युत कर्मियों की मानमानी से उपभोक्ता काफी परेशान है। कुछ लोगों ने फोन व ट्विटर के माध्यम से ऊर्जा मंत्री एके शर्मा, उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन व पूर्वांचल विद्युत निगम से मामले की शिकायत की है। लेकिन किसी की तरफ से अभी तक उचित रिस्पांस नहीं मिल सका है। ऊर्जा मंत्री और उच्च अधिकारियों के रवैये से विद्युत विभाग के कर्मचारियों के प्रति लोगों में काफी आक्रोश है। इस्लाम व अन्य उपभोक्ताओं का कहना है कि विद्युत सुदृढ़ीकरण के नाम पर यदि हम लोगों से वसूली करनी थी तो इसे करने की क्या जरूरत थी। हम लोग बिजली का बिल जमा करें या फिर रिश्वतखोर विद्युत अधिकारियों की मांग पूरी करें। फिलहाल इस संदर्भ में विभागीय अधिकारियों का पक्ष जानने की कोशिश की गई मगर किसी की तरफ से कोई सार्थक जवाब नहीं मिल सका।

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