नई दिल्ली। देश में लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के मामलों को देखते हुए कभी भी संपूर्ण लॉकडाउन लगाने की घोषणा हो सकती है। देश में चुनाव खत्म हो गया है इसलिए अब सख्त लॉकडाउन लगाया जा सकता है। ऐसी तमाम बाते सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रही हैं। लेकिन केंद्र सरकार के अधिकारियों की मानें तो यह केवल अफवाह है। केंद्र सरकार इस बार लॉकडाउन लगाने के मूड में नहीं है और न ही उसके पास ऐसा कोई प्लान है। केंद्र सरकार के अधिकारियों का कहना है कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए राज्यों को और सख्त पाबंदियां लगाने के बारे में कहा गया है।
गौरतलब है कि देश के अधिकत्तर राज्यों में कोरोना संक्रमण की भयावह स्थिति बनी हुई है। अस्पतालों में बेड नहीं है तो वहीं आक्सीजन की घोर किल्लत है। समय से आक्सीजन न मिल पाने की वजह से कई संक्रमितों की अब तक जान जा चुकी है। फिलहाल केंद्र सरकार लॉकडाउन लगाने के जिम्मा इस बार राज्यों पर छोड़ दिया है। देश के करीब 10 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश में कोरोना कर्फ्यू और लॉकडाउन जैसी पाबंदियों को लगाया गया है। राज्य संक्रमण के मामलों को देखते हुए अपने—अपने हिसाब से पाबंदियों को लागू कर रहे हैं। हालांकि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को बहुत पहले ही लॉकडाउन लगाने का आदेश दिया था। लेकिन योगी सरकार ने लोगों के जीविका का हवाला देते हुए हाई कोर्ट के आदेश को खारिज कर दिया।
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कोरोना के बेकाबू होते मामलों को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्यों की सरकारों को लॉकडाउन लगाने पर विचार करने को कहा है। फिलहाल केंद्र सरकार अभी लॉकडाउन लगाने के मूड में बिल्कुल नहीं है। इस बात का संकेत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में बहुत पहले ही दे चुके हैं। उन्होंने कहा था कि हमें लोगों के जीवन और जीविक दोनों को बचाना है। साथ ही राज्य सरकारों से भी लॉकडाउन लगाने से बचने की अपील की थी। उन्होंने कहा था कि राज्य सरकारें लॉकडाउन को अंतिम बिकल्प के रूप में चुने। हालांकि राज्यों में जिस तरह से कोरोना कर्फ्यू और लॉकडाउन का दायरा बढ़ रहा है, उससे अप्रत्श्क्ष रूप से देश में लॉकडाउन जैसी स्थिति बन गई है।
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