गोंडा: उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के लगातार दौरे से जहां स्वास्थ्य महकमे में व्याप्त भ्रष्टाचार की एक के बाद एक कलई खुलती जा रही है। वहीं चिकित्सकों में अभी भी कार्रवाई किए जाने की कोई हनक दिखाई नहीं दे रही है। गोंडा जनपद के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र परसपुर से इसी तरह के डॉक्टर की घोर लापरवाही के चलते जच्चा बच्चा की मौत के मामले में विभाग की तरफ से लीपापोती की जा रही है। आरोपी डॉक्टर रेखा सिंह को बचाने में पूरा तंत्र जुट गया है। वहीं पीड़ित पक्ष ने प्रमुख सचिव स्वास्थ्य विभाग सहित अन्य उच्च अधिकारियों व जन प्रतिनिधियों को पत्र भेजकर इंसाफ की गुहार लगाई है। बताया जा रहा है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र परसपुर के अधीक्षक लोकेश शुक्ला आरोपी डॉ. रेखा सिंह पर कार्रवाई करने की जगह बचाव में लगे हुए हैं।
जानकारी के अनुसार पीड़ित रामपाल सिंह परसपुर थाना क्षेत्र के पूरेदौलतसिंह गांव के रहने वाले हैं। उनकी पुत्री नीरज सिंह जिनकी शादी वर्ष 2017 में बलरामपुर केराडीह में हुई थी। नीरज सिंह अपने मायके पूरेदौलतसिंह आई हुई थीं। आरोप है कि नीरज सिंह के पेट में तीन महीने का गर्भ था। 28 मई को कुछ तकलीफ होने पर घरवाले नीरज सिंह को दिखाने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र परसपुर ले गए। यहां तैनात डॉ. रेखा सिंह ने गर्भवती का चेकअप करके कुछ दवाइयां दे दीं। घर आने पर नीरज को राहत मिलने की जगह तकलीफ बढ़ती गई इसके बाद परिजन उसे फिर लेकर डॉ. रेखा सिंह के पास पहुंचे। डॉ. रेखा सिंह ने पेट में बच्चे की मौत होने की बात कहकर अपने आवास पर सफाई कराने के लिए बुलाया।
घर पर क्लिनिक चलातीं हैं सरकारी डॉक्टर
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र परसपुर में सरकारी डॉक्टर के तौर पर तैनात रेखा सिंह अपने आवास पर क्लिनिक चलाती हैं। स्वास्थ्य केंद्र पर आने वाले मरीजों को अपने क्लिनिक पर बुलाकर उनसे मोटी कमाई करती हैं। चर्चा है कि इस कमाई का हिस्सा ऊपर तक जाता है और क्लिनिक चलाने की जानकारी सीएमओ तक को भी है। डॉ. रेखा सिंह ने अपने क्लिनिक पर 31 मई को नीरज सिंह के गर्भ की सफाई की। आरोप है कि इसी दौरान नीरज सिंह की हालत काफी बिगड़ गई। घर वालों के बार बार पूछने पर डॉक्टर की तरफ से कहा गया कि चिंता की कोई बात नहीं है। 2 जून को डॉ. रेखा सिंह ने नीरज सिंह की तबीयत ज्यादा खराब होने की बात कहकर जिला अस्पताल ले जाने की सलाह दी।
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पीड़ित परिवार आनन फानन में नीरज सिंह को जिला अस्पताल ले गए जहां उनकी बेटी की मौत हो गई। पीड़ित पक्ष ने डॉ. रेखा सिंह पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए चिकित्सा प्रभारी से कार्रवाई की मांग की लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई। कहीं से कोई कार्रवाई न होता देख पीड़ित पक्ष ने प्रमुख सचिव स्वास्थ्य, जिलाधिकारी गोंडा, करनैलगंज विधायक अजय कुमार सिंह सहित अन्य अधिकारियों को पत्र भेजकर इंसाफ की गुहार लगाई है। वहीं विधायक अजय सिंह की तरफ से पीड़ित पक्ष को मदद का भरोसा दिलाया गया है, लेकिन यह भरोसा चुनावी भरोसे की तरह लग रहा है। क्योंकि अगर सत्ता पक्ष के विधायक की तरफ से क्षेत्रीय जनता के तकलीफों के प्रति इस तरह की खामोशी रहेगी, तो समझा जा सकता है कि उनके भरोसे में कितना दम है।
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