चीनी मिलें नहीं ले रहीं भुगतान करने का नाम: पंकज कुमार
गोला गोकर्णनाथ, खीरी: आज के ही दिन भारत के पांचवें प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह (Chaudhary Charan Singh Jayanti) का जन्म हुआ था, जिन्होंने किसानों की जिंदगी और हालात को बेहतर बनाने के लिए कई नीतियों की शुरुआत की थी। किसानों के प्रति सम्मान का इज़हार करने के लिए हर साल 23 दिसंबर को राष्ट्रीय किसान दिवस मनाया जाता है।
संस्था के कार्यकारी अध्यक्ष नवनीत कुमार प्रभात ने कहा कि चौधरी चरण सिंह (Chaudhary Charan Singh Jayanti) किसान परिवार से आते थे, इसलिए किसानों की परेशानी और मुश्किलों से वह बखूबी वाकिफ थे। इसी वजह से उन्होंने किसानों की हर मुमकिन कोशिश की। उनके कार्यकाल में जब 1979 का बजट तैयार किया गया था। उस समय यह बजट किसानों की मांगों को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया था। आज का दिन किसानों को प्रोत्साहित करने और देश में उनके योगदान का जश्न मनाने के लिए विभिन्न संस्थाओं द्वारा जगह-जगह पर सेमिनार, गोष्ठी, किसान मेला, नुक्कड़ सभा आदि का आयोजन कर किसानों को सरकार की कृषि से जुड़ी योजनाओं के बारे में बताया जाता है, जिससे अधिक से अधिक किसानों को उस योजना के बारे में जानकारी हो जिससे हमारे देश का अन्नदाता उस योजना से लाभान्वित हो सके।
संस्था के प्रबन्धक पंकज कुमार ने कहा कि इस समय पर महंगाई इतनी अधिक बढ़ गई है कि किसानों का हाल बुरा हो रखा है। उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने कहा था कि किसानों का पिछले सत्र का सारा गन्ने का भुगतान कराकर नए सत्र में 15 दिन के अंदर गन्ने का भुगतान होगा। बीजेपी के सत्ता में आने के बाद भी गन्ने का पिछले सत्र का भुगतान अभी भी बकाया है और नए सत्र में चीनी मिल के मालिकों ने चीनी मिलें तो चला दी, लेकिन मिलें किसान को गन्ने का भुगतान देने का नाम नहीं ले रही है।
किसान गेहूं की बुबाई, सिंचाई, खाद, बच्चों की स्कूल फीस और अपने परिवार का भरण पोषण कैसे करें, यह बहुत सोचनीय विषय है। इस किसान दिवस पर सरकार को किसान के हित में फैसला लेना चाहिए। कोषाध्यक्ष अरुण कुमार ने गोष्ठी में सम्मिलित सभी किसान भाइयों का आभार व्यक्त किया। इस मौके पर गोलू वर्मा, दीपक, अनुराग वर्मा, अर्चित, अमित, प्रेमचन्द, अभय वर्मा, अवधेश सिंह, मनीष कुमार, अनूप वर्मा सहित तमाम लोग मौजूद रहे।
किसानों को भारत देश का भविष्य कहा जाता है। किसानों की उन्नति से ही देश की उन्नति संभव है। किसान दिन-रात मेहनत कर इस धरती पर अन्न उगाता है। चौधरी चरण सिंह को देश में किसानों का सर्वमान्य नेता माना जाता है। वे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और केंद्र में वित्त मंत्री भी रहे। इन्होंने अपने कार्यकाल में कृषि क्षेत्र के उत्थान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। किसानों को नवीनतम तकनीक के प्रति जागरूक करना है तथा उन्हें सशक्त बनाना है। साथ ही किसानों के सामने आने वाले विभिन्न मुद्दों के प्रति जागरूक करना है।
डॉ. दिनेश कुमार सिंह
सहायक प्राध्यापक
विभागाध्यक्ष, कृषि रसायन विज्ञान एवं मृदा विज्ञान
नेशनल पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज, बरहलगंज, गोरखपुर
चौधरी चरण सिंह ने किसान हित में बहुत कार्य किए। कई कृषि विधेयक और जमींदारी प्रथा उन्मूलन के साथ ही सिंचाई संसाधनों से लेकर नहरों के निर्माण में उनकी बड़ी भूमिका रही है। 23 दिसंबर, 1978 को कृषि ट्रस्ट की स्थापना की थी। 1978 से लेकर के 1980 तक किसानों के लिए जो काम किया, उसे कभी भुलाया नहीं जा सकता।
प्रो. गजेंद्र सिंह, प्राचार्य
चंद्रभानु गुप्त कृषि स्नातकोत्तर महाविद्यालय, बीकेटी, लखनऊ
हमारा भारत देश एक कृषि प्रधान देश है। किसान की खुशहाली से ही देश की खुशहाली है। पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को किसानों का मसीहा कहा जाता है। उनके जन्मदिवस को किसान दिवस के रूप मनाया जाता है। उन्होंने किसानों के के उत्थान और उनके कल्याण के लिए कई नीतियां बनाईं। कोरोना महामारी में किसानों ने बहुत मेहनत से काम किया और किसी भी व्यक्ति को खाने पीने की किसी भी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं रही, यह उनका अमूल्य योगदान है। आज भी हम उनके लिए आभार व्यक्त करते हैं और उनके सुखद जीवन की कामना करते हैं।
प्रो. योगेश कुमार शर्मा
निदेशक,
चंद्रभानु गुप्त कृषि स्नातकोत्तर महाविद्यालय, बीकेटी, लखनऊ
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री एवं किसान नेता चौधरी चरण सिहं ने अपना संपूर्ण जीवन भारतीयता और ग्रामीण परिवेश की मर्यादा में जिया। किसानों के हितों लिए सदैव संघर्ष किया।
डॉ. सुनील कुमार कनौजिया
जेष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक
शाजहाँपुर, उत्तर प्रदेश
किसानों के मसीहा पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को किसान दिवस पर पूरे देश में याद किया जा रहा है, किंतु केवल किसान दिवस पर उनको याद करना काफी नहीं हैं, बल्कि सच्ची श्रद्धा और शुद्ध अंतःकरण से किसानों के लिए समर्पित होकर उनकी जीविका और कृषि उपज बढ़ाने और किसानों को सही लागत मूल्य प्रदान करने के साथ साथ कृषि के बेहतर संसाधनों को उप्लब्ध कराना है। चौधरी चरण सिंह ने कृषि क्रांति के लिए अलख जगाया और किसानों को बेहतर विकल्पों की तरफ अग्रसर किया।
वीरेंन्द्र सिंह सजल
पटकथा लेखक, मुंबई
चौधरी चरण सिंह भारत के किसान राजनेता एवं पाँचवें प्रधानमंत्री थे। उन्होंने यह पद 28 जुलाई, 1979 से 14 जनवरी, 1980 तक संभाला। चौधरी चरण सिंह ने अपना संपूर्ण जीवन भारतीयता और ग्रामीण परिवेश की मर्यादा में जिया। किसानों के हितों लिए सदैव संघर्ष किया। आजादी के बाद उनके द्वारा किए गए कार्यों को गिनाते हुए सहायक प्राध्यापक डॉ देवेन्द्र सिंह ने बताया कि विधानसभा में कई कृषि विधेयक तथा जिमीदारी प्रथा का उन्मूलन करते हुए उन्होंने किसान हित में बहुत कार्य किए। सिंचाई संसाधनों से लेकर के नहरो के निर्माण में उनकी बहुत बड़ी भूमिका रही है। 1978 से लेकर के 1980 तक किसानों के लिए जो काम किया उसे कभी भुलाया नहीं जा सकता।
डॉ. देवेन्द्र प्रसाद
सहायक प्राध्यापक
कृषि अर्थशास्त्र एवं सांख्यिकी विभाग
कुलभास्कर आश्रम स्नातकोत्तर महाविद्यालय
प्रोफेसर राजेन्द्र सिंह (रज्जू भईया) विश्वविद्यालय प्रयागराज
हमारा भारत देश एक कृषि प्रधान देश है और यह कहा जाता है कि हमारा किसान खुश है तो देश खुश है किसान की खुशहाली देश की खुशहाली है हमारे देश के पाँचवें प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह जो 1979 में देश के प्रधानमंत्री रहे वह ज़मीन से जुड़े व्यक्ति थे और एक किसान थे उन्होंने अपना सारा जीवन किसान की ही योजनाएं और नीतियों को लागू किया उनको किसानों का मसीहा भी कहा जाता है उनका जन्म 23 दिसम्बर 1902 में हुआ था उनकी इस जयंती के उपलक्ष्य में सन 2001 से किसान दिवस मनाने की प्रथा प्रारम्भ हुई और उनका अगर हम योगदान देखें तो किसान के लिए जीवन का उत्थान और किसान के लिए आर्थिक कार्य नीतियां बनाने में बहुत महत्वपूर्ण योगदान रहा है ।
डॉ. सत्येंद्र कुमार सिंह
सहआचार्य
विभागाध्यक्ष कीट विज्ञान विभाग
चन्द्र भानु गुप्त कृषि स्नातकोत्तर महाविद्यालय बक्शी का तालाब, लखनऊ
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