Pauranik Katha: महादेव का वरदान से गजासुर भक्त से बन गया बेटा

Pauranik Katha: गज और असुर के संयोग से एक असुर का जन्म हुआ। उसका मुख गज जैसा होने के कारण उसे गजासुर कहा जाने लगा। गजासुर शिवजी का बड़ा भक्त…

लोकहृदय के प्रतिष्ठापक आचार्य रामचन्द्र शुक्ल

– बीएल आच्छा कहते हैं कि आलोचकों की मूर्तियां नहीं बनती। पर दौलतपुर (रायबरेली) के आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी तो अपवाद हैं ही। और साहित्य में लोकहृदय के प्रतिष्ठापक आचार्य…

Poetry: गांव को सार्थक करें

एकत्र हों साथ मिलकर गांव को सार्थक करें। हम बड़ा परिवार हैं सब प्रेरणा का स्वर भरें।। है दशहरा पूजन हमारा दस करें संकल्प हम सब। जो असम्भव हो सभी…

Poetry: सुख शांति समृद्धि चाहिए

तो सुदृढ़ करो ताना बाना। हो पड़ोसी हितकर अपना बजता वहीं आनन्द तराना।। भारत इस सुविधा से वंचित अतः नीति य़ह नहीं चलेगी। सोचो और विचारो मिलकर है बनी सोच…

Poetry: हल्ला बोल!

बोल जम्बूरे हल्ला बोल, बोल जम्बूरे हल्ला बोल। पगड़ी जिसकी चाहे खोल, बोल जम्बूरे हल्ला बोल। सेज बिछाकर लोकहितों की, लोकतन्त्र का चीर-हरण कर, कातिल, गुंडे, चोर, लुटेरे, गले लगाकर…

Pauranik Katha: जब माता सीता बन गई चण्डी

Pauranik Katha: एक समय की बात है कि भगवान श्री राम राज सभा में विराज रहे थे, उसी समय विभीषण वहाँ पहुंचे। वे बहुत भयभीत और हड़बड़ी में लग रहे…

Poetry: हर कदम ऊर्जा भरा हो

हर कदम ऊर्जा भरा हो हर कदम में दिशा दृष्टि। संकल्प से सिद्धि पाना होगी सनातन पूर्ण सृष्टि।। विविध विधि के कार्य हों परिणाम हों सबके मनोहर। बहु प्रेरणा जागृत…

Kahani: अंतिम काम!

Kahani: एक बूढ़ा कारपेंटर अपने काम कारीगरी के लिए बहुत जाना जाता था, उसके बनाये लकड़ी के घर दूर-दूर तक प्रसिद्द थे। पर अब बूढ़ा हो जाने के कारण उसने…

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