Vastu Shastra: ग्रहों का घर के वास्तु पर कितना असर, किस हिस्से में कौन सी चीज रखना है शुभ

Vastu Shastra: किसी भी वास्तु में नौ ग्रहों का आधिपत्य होता है एवं वास्तु में इनका स्थान निश्चित कोण पर होता है। इसी प्रकार प्रत्येक दिशा के देवता भी अलग-अलग…

Pauranik Katha: बद्रीनाथ धाम कथा

Pauranik Katha: एक बार श्री हरि (विष्णु) के मन में एक घोर तपस्या करने की इच्छा जाग्रत हुई। वह उचित जगह की तलाश में इधर-उधर भटकने लगे। खोजते-खोजते उन्हें एक…

Pauranik Katha: जरासंध के जन्म एवं मृत्यु का रहस्य

Pauranik Katha: महर्षि वेदव्यास द्वारा रचित महाभारत ग्रंथ में अनेक महारथी व बलशाली राजाओं का वर्णन है। ऐसा ही एक महारथी राजा था जरासंध। उसके जन्म व मृत्यु की कथा…

Prerak Prasang: मृत्यु के साथ मिट जाते हैं रिश्ते

Prerak Prasang: एक बार देवर्षि नारद अपने शिष्य तुम्बरू के साथ मृत्युलोक का भ्रमण कर रहे थे। गर्मियों के दिन थे। गर्मी की वजह से वह पीपल के पेड़ की…

मानवता के संरक्षक जगद्गुरु आदिशंकराचार्य

जगद्गुरु आदि शंकराचार्य अलौकिक प्रतिभा, प्रकाण्ड पाण्डित्य, प्रचण्ड कर्मशीलता के धनी थे। इस धराधाम में आज से लगभग तीन हजार वर्ष पहले वैशाख शुक्ल पंचमी को उनका अवतरण हुआ था।…

Prerak Prasang: स्वर्ग और नरक

Prerak Prasang: स्वर्ग- यह नाम है सुख विशेष या उस विशेष सुख को प्राप्त करने की सामग्री का। नरक- यह नाम है दुःख विशेष या उस दुःख को प्राप्त करने…

Akshaya Tritiya Special: अक्षय है अस्तित्व

अक्षय तृतीया या आखा तीज वैशाख मास में शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को कहते हैं। पौराणिक ग्रंथों के अनुसार इस दिन जो भी शुभ कार्य किये जाते हैं, उनका…

Kahani: कर भला तो हो भला

Kahani: जब रावण ने जटायु के दोनों पंख काट डाले तब काल उसको लेने आया। और जैसे ही काल आया गिद्धराज जटायु ने मौत को ललकार कहा, “खबरदार ये मृत्यु।…

Pauranik Katha: राजा विक्रमादित्य की कुल देवी हरसिद्धि माता की कथा

उज्जयिन्यां कूर्परं व मांगल्य कपिलाम्बरः। भैरवः सिद्धिदः साक्षात् देवी मंगल चण्डिका। Pauranik Katha: पौराणिक कथाओं के अनुसार एक बार माता सती के पिता दक्षराज ने विराट यज्ञ का भव्य आयोजन…

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