राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020: बदलाव की बुनियाद

ऐसा कहा जाता है कि, “जो आपने सीखा है, उसे भूल जाने के बाद जो रह जाता है, वो शिक्षा है।” शिक्षा सबसे शक्तिशाली हथियार है, जिसे आप दुनिया बदलने…

चातुर्मासः शास्त्र और लोक की परंपरा

भारत अद्भुत है। यहां भगवान भी विश्राम करने चले जाते हैं। कल 20 जुलाई अर्थात आषाढ़ शुक्ल पक्ष की पद्मा एकादशी अर्थात् देवशयनी एकादशी है। मान्यता के अनुसार, देवशयनी एकादशी…

विश्व योग दिवस 2021: बहुत कुछ साध लेती हैं संतुलित सांसें और एकाग्र मन

भारतीय ज्ञान परंपरा में योग एक अद्भुत अनुभव है। योग भारतीय ज्ञान का एक ऐसा वरदान है, जिससे मनुष्य की चेतना को वैश्विक चेतना से जुड़ने का अवसर मिलता है।…

भीतर चाहे जो हो प्लान, योगी ही जनता के असल कप्तान

योगी कभी और कितना भाजपामय रहे यह शोध का विषय है किन्तु भाजपा की उत्तर प्रदेश में वर्तमान जीवन्तता योगीमय होने से है, यह स्पष्ट धारणा जनता की है। यही…

फैक्ट’ और ‘फिक्शन’ एक ही घाट पर पी रहे हैं पानी

प्रो. संजय द्विवेदी भारत में इस समय 1 लाख से ज्यादा समाचार पत्र और पत्रिकाएं प्रकाशित होती हैं, अलग-अलग भाषाओं में हर रोज 17 हजार से ज्यादा अखबारों का प्रकाशन होता है और इनकी 10 करोड़ प्रतियां…

पर्यावरण की रक्षा में शैक्षिक संगठनों की खास भूमिका

World Environment Day: पर्यावरण की सुरक्षा, चिंता और संरक्षण के संदेश को फैलाने के लिए हर साल हम 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाते हैं। इस दिवस को मनाने…

हिंदी पत्रकारिता दिवस (30 मई पर विशेष): उजली विरासत को सहेजने की जरूरत

समाज जीवन के सभी क्षेत्रों की तरह मीडिया भी इन दिनों सवालों के घेरे में है। उसकी विश्सनीयता, प्रामणिकता पर उठते हुए सवाल बताते हैं कि कहीं कुछ चूक हो…

जयंती विशेष: वीर सावरकर, स्वातंत्र्य समर का एक उपेक्षित नायक

स्वातंत्र्य वीर विनायक दामोदर सावरकर की पूरी जिंदगी रचना, सृजन और संघर्ष का उदाहरण है। आजादी के आंदोलन के वे अप्रतिम नायक हैं। उनकी प्रतिभा के इतने कोण हैं कि…

नारद जयंती (27 मई) पर विशेष: लोकमंगल के संचारकर्ता हैं नारद

प्रो. संजय द्विवदी ब्रम्हर्षि नारद लोकमंगल के लिए संचार करने वाले देवता के रूप में हमारे सभी पौराणिक ग्रंथों में एक अनिवार्य उपस्थिति हैं। वे तीनों लोकों में भ्रमण करते हुए…

ऑनलाइन कक्षाओं के लिए कितनी सहज है नई पीढ़ी

यह डिजीटल समय है,जहां सूचनाएं, संवेदनाएं, सपने-आकांक्षाएं, जिंदगी और यहां तक कि कक्षाएं भी डिजीटल हैं। इस कठिन कोरोना काल ने भारत को असल में डिजीटल इंडिया बना दिया है।…

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