सीके मिश्र
Budget 2022: किसी भी देश का बजट उस देश के विकास के मार्ग को प्रशस्त करने के लिए होता है। मोदी सरकार के कार्यकाल के दौरान अपना चौथा बजट (Budget 2022) पेश करते हुए वित्त मंत्री ने कोई नया टैक्स न लगा कर यही संदेश दिया है। माना जा रहा है कि बजट अच्छा है, सरकार ने कैपिटल आइटम में इन्वेस्टमेंट करने पर जोर दिया है। जो भविष्य में भारत को ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए कारगर साबित होगा।
केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को संसद में केन्द्रीय बजट 2022-23 (Budget 2022) पेश करते हुए यह दृष्टिकोण रखा। यह बजट अमृत काल के अगले 25 वर्षों में भारत 75 से 100 वर्ष’ तक की अवधि के लिए नींव रखने और अर्थव्यवस्था को गति प्रदान करने का ब्लूप्रिंट देने की इच्छा रखता है। उन्होंने अमृत काल के तहत ईज ऑफ लिविंग के अगले शुभारंभ की घोषणा की। वित्त मंत्री ने कहा कि ईज ऑफ लिविंग का यह नया चरण निम्नलिखित बातों को शामिल करने वाली पहुंच द्वारा निर्देशित होगा।
– राज्यों की सक्रिय भागीदारी
– मानव प्रक्रियाओं और हस्तक्षेपों का डिजिटाइजेशन
– सूचना प्रौद्योगिकी सेतुओं के माध्यम से केन्द्रीय और राज्य स्तर प्रणालियों का संयोजन
इससे सभी नागरिक केन्द्रित सेवाओं के लिए एकल बिन्दु तक पहुंच का सृजन करने, आधुनिकीकरण करने और परस्पर व्यापी अनुपालनों को दूर करने में मदद मिलेगी।
चिप अम्बेडेड ई-पासपोर्ट जारी करना
वित्त मंत्री ने यह घोषणा की है कि अम्बेडेड चिप और भावी प्रौद्योगिकी का प्रयोग करने का कार्य 2022-23 में शुरू किया जाएगा। इससे नागरिकों को विदेश यात्रा करने में सुविधा मिलेगी।
भवन उपनियमों और नगर/शहरी नियोजन का आधुनिकीकरण
शहरी नियोजन में सुधार करने के लिए वित्त मंत्री द्वारा भवन उपनियमों, नगर नियोजन योजनाओं (टीपीएस) और पारगमन उन्मुखी विकास के आधुनिकीकरण का प्रस्ताव किया गया। इससे वृहद पारगमन प्रणालियों के नजदीक रहने और काम करने वाले लोगों के लिए सुधार करने में मदद मिलेगी।
इस संबंध में वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि वृहद पारगमन परियोजनाओं और अमृत योजना के लिए केन्द्र सरकार की वित्तीय सहायता का कार्य योजनाओं को तैयार करने और राज्यों द्वारा टाउन नियोजन योजनाओं (टीओडी) और परिवहन उन्मुखी विकास (टीपीएस) में सुविधा के लिए कार्यान्वयन हेतु लाभ उठाया जाएगा।
शहरी नियोजन में उत्कृष्टता केन्द्रों की स्थापना
शहरी नियोजन और डिजाइन में भारत विशिष्ट ज्ञान विकसित करने और इन क्षेत्रों में प्रमाणित प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में पांच मौजूदा शैक्षिक संस्थानों को उत्कृष्टता केन्द्रों के रूप में अभिहित किया जाएगा। वित्त मंत्री ने सदन को यह भी बताया कि ऐसे प्रत्येक केन्द्र को 250 करोड़ रुपये की दाय निधि प्रदान की जाएगी।
बैट्री अदला-बदली नीति
वित्त मंत्री ने बड़े पैमाने पर चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना के लिए शहरी क्षेत्रों में स्थान की कमी के बारे में विचार करते हुए बैटरी अदला-बदली नीति और अन्तर प्राचलनीय मानकों को तैयार करने के प्रस्ताव की घोषणा की। उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्र को एक सेवा के रूप में बैट्री या ऊर्जा के लिए सतत विकास और नवाचारी व्यवसाय मॉडल विकसित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन
राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य परितंत्र के लिए एक नए खुले प्लेटफार्म का शुभारंभ किया जाएगा। इसमें व्यापक रूप से स्वास्थ्य प्रदाताओं और स्वास्थ्य सुविधाओं के डिजिटल पंजीयन, विशिष्ट स्वास्थ्य पहचान, संयुक्त फ्रेमवर्क शामिल होंगे और यह स्वास्थ्य सुविधाओं तक सार्वभौमिक पहुंच प्रदान करेगा।
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लॉन्ग टर्म कैपिटल profit के तहत सभी एसेट्स पर सिर्फ 15% सरचार्ज लगेगा। लिस्टेड इक्विटी शेयरों को बेचने पर मिलने वाले लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेंस को अप्रैल, 2018 में टैक्स के दायरे में लाया गया था।
राष्ट्रीय टेली मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम
केन्द्रीय वित्त मंत्री ने इस बात को स्वीकार किया कि महामारी ने सभी उम्र के लोगों में मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं पैदा की है। गुणवत्तापूर्ण मानसिक स्वास्थ्य काउंसलिंग और देखभाल सेवाओं तक बेहतर पहुंच प्रदान करने के लिए आज ‘राष्ट्रीय टेली मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम’ की घोषणा की गई। इसमें 23 टेली-मानसिक स्वास्थ्य उत्कृष्टता केन्द्रों का एक नेटवर्क शामिल होगा, जिसमें निमहंस नोडल केन्द्र के रूप में कार्य करेगा। अंतरराष्ट्रीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान, बेंगलुरू (आईआईआईटीबी) इसके लिए तकनीकी सहायता प्रदान करेगा।
आईटीआर फाइलिंग
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि करदाता को अब 2 वर्ष तक आईटीआर दाखिल करने का विकल्प मिलेगा। यह एक नया प्रावधान है जो स्वैच्छिक कर फाइलिंग सुनिश्चित करेगा और मुकदमेबाजी को कम करेगा। इस नियम के मुताबिक, इनकम टेक्स डिपार्टमेंट का नोटिस आने के बाद भी करदाता तय जुर्माने के साथ टैक्स की राशि जमा करा सकता है। करदाताओं के लिए एक नए टेक्स नियम को लागू करने की घोषणा की गई है। अब से करदाता को किसी भी प्रकार की भूल के लिए 2 वर्ष तक निश्चित जुर्माने के साथ टैक्स जमा कराने की छूट होगी। डिजिटल संपत्ति के हस्तांतरण पर किए गए भुगतान पर 1% टीडीएस लगाया जाएगा। लेकिन क्रिप्टो करेंसी में लेनदेन पर 30 फीसद टैक्स लगेगा। घाटा होने पर भी टैक्स देना पड़ेगा।
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