Basti Police: पुलिस से हर किसी को काफी उम्मीद होती है। यह उम्मीद इसलिए नहीं होती कि पुलिस सबकी उम्मीदों पर खरी उतरती है, बल्कि पुलिस से उम्मीद करना लोगों की मजबूरी होती है। क्योंकि इंसाफ के रास्ते की पहली सीढ़ी पुलिस होती है और यह पहली सीढ़ी चढ़ना कितना घातक होता है, इसे वही जानता है, जो किसी मामले को लेकर पुलिस के पास पहुंचता है। खबर में यह तस्वीर बस्ती पुलिस की है, जो गिरफ्तारी के बाद दुष्कर्म और जान से मारने की कोशिश के आरोपी को फोन से बात करा रही है। पुलिस कहानी किस तरह गढ़ती है इसे भी आप इस मामले से समझ सकते हैं। घटना दीपावली की रात की है। आरोपी घनश्याम शुक्ला अपने समकक्ष महिला नायब तहसीदार के घर में जबरन घुस कर उसके साथ दुष्कर्म करने की कोशिश की और इसका विरोध करने पर उसने महिला अधिकारी को जाने से मारने का भी प्रयास किया।
घटना के बाद पीड़िता ने बस्ती कोतवाली पुलिस से आरोपी नायब तहसीलदार घनश्याम शुक्ला की लिखित शिकायत की। बस्ती पुलिस ने आम मामलों की तरह महिला अधिकारी की शिकायत का संज्ञान लेने की जगह टालने की कोशिश की। लेकिन बाद में बीजेपी एमएलसी देवेंद्र प्रताप सिंह के हस्तक्षेप पर मामला दर्ज करना पड़ा। इसके बावजूद भी पुलिस आरोपी को गिरफ्तार करने से बचती रही। वहीं पीड़िता महिला नायब तहसीलदार बस्ती पुलिस की कार्य प्रणाली से आहत होकर वीडियो जारी कर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इंसाफ की गुहार लगाई। वीडियो वायरल होने के बाद हरकत में आई कोतवाली पुलिस ने आनन-फानन में आरोपी घनश्याम शुक्ला पर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित कर उनकी तलाश शुरू कर दी। आरोपी को पुलिस ने सोमवार को बस्ती रोडवेज से गिरफ्तार कर लिया।
ये बस्ती जिले के सस्पेंड नायब तहसीलदार घनश्याम शुक्ला हैं। दीपावली के दिन महिला नायब तहसीलदार से दुष्कर्म का प्रयास और मारपीट करने का आरोप है। गिरफ्तारी के बाद बस्ती पुलिस आरोपी को किस तरह मोबाइल से बात करा रही है।#Basti #BastiPolice #UPPolice pic.twitter.com/9a8JS5Y70y
— News Chuski (@Newschuski) November 28, 2023
पुलिस की कहानी में भी झोल
मामले में बस्ती पुलिस पर शुरू से आरोपी को बचाने का आरोप लगा रहा था, लेकिन, पुलिस ने जिस नाटकीय अंदाज में बस्ती पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया है, उससे पुलिस की भूमिका पर सवाल उठना लाजिमी है। पुलिस के मुताबिक, आरोपी विदेश भागने की फिराक में था। बस्ती पुलिस के इस खुलासे के बाद लोग सोशल मीडिया पर मजे ले रहे हैं। जनता बस्ती पुलिस से सवाल कर रही है कि दिवाली से आरोपी को भागने का मौका नहीं मिला, तो पुलिस उसकी तलाश कहा कर रही थी। वहीं कुछ लोगों का सवाल यह भी है कि ऐसा पहली बार हो रहा है, जब कोई अपराधी रोडवेज की बस से विदेश भागने की फिराक में था।
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बस्ती जिला प्रशासन पर भी उठे सवाल
सूत्रों की मानें तो बस्ती जिला प्रशासन की तरफ से शासन को भेजी गई जांच रिपोर्ट में महिला नायब तहसीलदार के चरित्र पर सवाल उठाए गए हैं। फिलहाल सूत्रों की मानें तो बस्ती जिला प्रशासन ने जिस तरह मामले में लीपापोती की है, उसको देखते हुए उसकी जांच रिपोर्ट को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। माना जा रहा है आईएएस अधिकारी और लखनऊ मंडलायुक्त रोशन जैकब की जांच रिपोर्ट के आधार पर उत्तर प्रदेश राजस्व परिषद आरोपी नायब तहसीलदार घनश्याम शुक्ला के खिलाफ आगे की विभागीय कार्रवाई करेगी। फिलहाल आरोपी नायब तहसीलदार घनश्याम शुक्ला निलंबित कर दिया गया है।
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