गोला गोकर्णनाथ, खीर: बलिया पेपर लीक मामले में पत्रकारों को गैर जिम्मेदाराना तरीके से जेल भेजे जाने को लेकर प्रेस जर्नलिस्ट ऑफ इण्डिया के पदाधिकारियों ने बैठक कर कड़ी निंदा की और राष्ट्रपति को सम्बोधित पांच सूत्रीय ज्ञापन उप जिलाधिकारी अविनाश चंद मौर्य को सौंपा गया। जिसमें बलिया के निर्दाेष पत्रकार अजीत ओझा, दिग्विजय सिंह और मनोज गुप्ता को तत्काल रिहा करने की मांग की गई।
गुरूवार को कामता सिंह कुशहावा की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में वरिष्ठ पत्रकार सुरेन्द्र शर्मा ने कहा कि बलिया जिला प्रशासन ने नकल माफियाओं के करतूत को उजागर करने वाले पत्रकार को ही जेल भेजकर सरकार की छवि धूमिल किया है। बोर्ड परीक्षाओं में नकल कराने वाले गिरोह को बचाने का प्रयास किया है। कामता सिंह कुशवाहा ने कहा कि देश में लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा करने वाले सजग प्रहरी निर्भीक पत्रकार जगत को आज विभिन्न चुनौतियों का सामना करना पड रहा है। बलिया में यूपी बोर्ड परीक्षा में पेपर आउट करने वाले नकल माफिया की सच्चाई उजागर कर जिला प्रशासन की मदद करने वाले साथी पत्रकार दिग्विजय सिंह व उनके साथियों पर मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार कर जेल भेजना यही दर्शाता है।
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प्रेस जर्नलिस्ट ऑफ इण्डिया के पदाधिकारियों ने राष्ट्रपति को भेजे ज्ञापन में मांग की कि बलिया के निर्दाेष पत्रकार अजीत ओझा, दिग्विजय सिंह और मनोज गुप्ता को तत्काल रिहा किया जाए और उन पर दर्ज मुकदमा तत्काल वापस लिया जाए। पेपर आउट मामले की उच्चस्तरीय जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए ताकि आगे कोई भी युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ करने की हिम्मत न जुटा सके। 3 पत्रकारों की सुरक्षा के लिए अविलंब जर्नलिस्ट प्रोटेक्शन एक्ट बनाया जाए। बलिया प्रशासन ने लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर हमला कर उनका उत्पीड़न किया है ऐसे अधिकारियों को बर्खास्त किया जाए। साथ ही पत्रकारों के विरूद्ध दी गई तहरीर पर पहले विशेष सेल से जांच कराई जाये, मामले में संलिप्तता पाये जाने पर ही केस दर्ज किया जाये।
इस मौके पर सचिव मन्दीप कुमार वर्मा, सदस्य मूलचंद भारद्वाज, श्यामकिशोर अवस्थी, विकास शुक्ला, तहसील अध्यक्ष करन सिंह राठौर, मंत्री शिव कुमार वर्मा, उपाध्यक्ष बांकेलाल वर्मा, सचिन शर्मा आदि मौजूद रहे।
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