– सुप्रीम कोर्ट से पिछले महीने मिली थी राहत
रामपुर: समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता मोहम्मद आजम खान को भले ही सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल गई है, लेकिन स्थानीय एमपी एमएलए कोर्ट में उन पर 7 मामलों में आरोप तय कर दिए गए। अदालत में अब इन मामलों में मुकदमा तेजी से चलेगा। गवाहों की पेशी होगी। उसके बाद अदालत के फैसले का नंबर आ जाएंगा। जिला अदालत से बाहर निकले आजम खान ने मीडिया के सवालों का जवाब दिए। उन्होंने राहत देने के लिए सुप्रीम कोर्ट का आभार जताया। वहीं प्रदेश की भाजपा सरकार के बारे में पूछे गए सवालों पर भी सरकार का बचाव करते नजर आए। सार्वजनिक स्थानों पर नमाज पढ़ने को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि नमाज पर कहीं पाबंदी नहीं है। कहां पढ़ी जाए, इस पर बहस हो रही है। मगर, यह सब राजा के मन पर निर्भर करता है।
मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी को उन्होंने राजा की संज्ञा दी। नमाज को लेकर सार्वजनिक स्थालों पर बड़ी आवाजें उठ रही है। विरोध जताया जा रहा है। इस पर आजम खान ने कहा, तो क्या नमाज नहीं पढ़ने दे रहे हैं। नमाज पर कहीं पाबंदी नहीं है। नमाज कहां पढ़ी जाए, यह बहस का मामला है। यह मुनासर (डिपेंड) करता है कि राजा का दिल कितना बड़ा या कितना छोटा हैं।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना हुई
आजम खान ने कहा कि देश की सर्वोच्च अदालत में भी उनका ही मैटर डिस्कस हो रहा है। सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अवहेलना हुई है। उसके लिए वह कंटेंप्ट में गए हैं। गलत तरीके से यूनिवर्सिटी की जमीन पर जबरन जिला प्रशासन ने कब्जा किया है। उसमें सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना के लिए वह गए हैं। सर्वोच्च न्यायालय में उसकी सुनवाई होगी।
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क्रॉस वोटिंग पर की टिप्पणी
द्रौपदी मुर्मू महिला आदिवासी पहली बार इसको लेकर क्या कहेंगे। इस पर आजम खान ने कहा कि विपक्ष का कैंडिडेट हार गया। क्रॉस वोटिंग के सवाल पर कहा कि सिर्फ वह लोग यह बात कह रहे हैं, जिन चैनल्स ने सत्ता से पैसा ले रखा है। सरकारी वकील कमल गुप्ता ने बताया कि आजम खान के तीन मामले थाना कोतवाली से संबंधित हैं। चार मामले थाना गंज से डूंगरपुर वाले मामले में चार्ज फ्रेम हुए हैं। मुल्जीमान आजम खान, वीरेंद्र गोयल, फसाहत शानू, ओमेंद्र चौहान सारे मुलजिमान आज न्यायालय आए थे।
न्यायालय में इनके ऊपर चार्ज फ्रेम कर दिया गया है। उन पर आरोप तय कर दिए हैं। 3 मामले थाना कोतवाली से संबंधित हैं, जबकि 4 मामले थाना गंज से। डूंगरपुर में, जहां मकान ढाए गए हैं। तोड़े गए हैं। जबरन कब्जा किया गया है, इन आरोपियों पर मुकदमा चलेगा। गावाह को तलब किया जाएगा। यतीम खाने के प्रकरण में भी इन आरोपियों पर आरोप तय किए गए हैं। न्यायालय द्वारा इन आरोपियों द्वारा यतीम थाने में तोड़फोड़ और लूटपाट की है। मकानों पर बुलडोजर चलवा गए हैं। उन्हें बेघर कर दिया गया है।
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