अयोध्या: अयोध्या (Ayodhya) में राम मंदिर निर्माण में जमीन की खरीद फरोख्त को लेकर राजनीतिक दलों की तरफ से उठाए गए सवालों पर जांच आगे बढ़ चुकी है। इस मामले में सरकार ने जांच के आदेश दिए थे। राम जन्म भूमि (Ram Janmabhoomi) का फैसला आने के बाद अयोध्या (Ayodhya) में अफसरों व स्थानीय नेताओं के रिश्तेदारों द्वारा भूमि खरीद-फरोख्त मामले की जांच पूरी हो चुकी है। तीन दिन तक यहां आवश्यक दस्तावेज खंगालने व अफसरों से पूछताछ करने के बाद विशेष सचिव राजस्व राधेश्याम मिश्र लखनऊ लौट गए हैं। कयास लगाए जा रहे हैं कि सोमवार को वह अपनी रिपोर्ट शासन के समक्ष प्रस्तुत करेंगे।
सुप्रीम कोर्ट से राम जन्मभूमि (Ram Janmabhoomi) का फैसला आने के बाद अयोध्या में कई अधिकारियों व नेताओं द्वारा बड़े पैमाने पर की गई जमीनों की खरीद-फरोख्त के मामले में जांच के नतीजे चौंकाने वाले आ सकते हैं। जांच का दायरा भी बढ़ सकता है। मालूम हो कि बीते दिन एक अखबार द्वारा किए गए खुलासे के बाद शासन स्तर जांच के आदेश दिए गए हैं। जांच अधिकारी विशेष सचिव राजस्व राधेश्याम मिश्र ने अयोध्या पहुंच कर तीन दिन जांच की। यहां उन्होंने मांझा बरहटा की जमीन के कागजात को राजस्व विभाग से हासिल किया।
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एसडीएम सदर और सब रजिस्टार से भी पूछताछ की। और तो और राम जन्मभूमि का फैसला आने के बाद अयोध्या में जिन बड़ी जमीनों की खरीद-फरोख्त हुई है उन सबके दस्तावेज खंगाले जा रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि जांच अधिकारी को मांझा में भी जमीनों की हेराफेरी के कुछ बड़े मामले संज्ञान में आए हैं, जिन पर और गहन जांच की जरूरत समझी जा रही है।
मालूम हो कि जांच अधिकारी विशेष सचिव राजस्व को 5 दिन के अंदर अपनी रिपोर्ट भी देनी थी। मिश्र ने महर्षि रामायण विद्यापीठ ट्रस्ट कि उन जमीनों का भी स्थलीय निरीक्षण किया है जिनकी खरीद-फरोख्त हुई है और मांझा बरहटा के कुछ दलित लोगों से भी मिले हैं। इस दौरान वह मीडिया से दूरी बनाए हुए थे।
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