भारत की भावी पीढ़ी को सैन्य सुरक्षा में प्रशिक्षित कर अनुशासित नागरिक बनाने की प्रक्रिया की घोषणा उन्हें रास नहीं आ रही। युवा अनुशासित और आत्मनिर्भर बन जायेगा तो रजानीतिक चौपालों में भीड़ नहीं मिलेगी। सरकारों को अस्थिर नहीं किया जा सकेगा। शत्रु शक्तियों के स्लीपर सेल काम नहीं कर पाएंगे। बड़ी कठिन डगर हो जाएगी भारत को कमजोर करने की। जाति-धर्म की राजनीति नहीं चल पाएगी। तुष्टिकरण नहीं चलेगा। असंख्य रजानीतिक दुकानें बंद हो जाएंगी। रजानीतिक रोजगार ही खत्म कर देगी मोदी सरकार।
अजीब दृश्य है। इस उम्र के बच्चों को कभी कोचिंग वाले, कभी भर्ती वाले और बाजारों में दुकानों की तरह डिग्री बांटने की खुली दुकानें खुलेआम लूट रही हैं। खेत बेच कर अभिभावक उन पर पैसे खर्च कर रहा है। ऐसे दुर्दिन से युवा संपदा को बाहर निकालने की एक अतिमहत्वाकांक्षी योजना सरकार जब सामने लेकर आ गयी तो देश को आग में झोंक दिया गया। यह किसी को समझ नहीं आ रहा कि आखिर इस योजना का विरोध करने का कारण क्या है। क्योंकि कोई रूटीन भर्ती प्रक्रिया रोकी नहीं गयी है। एक नई योजना लायी गयी है जिसके अनगिनत लाभ हैं। यह कोई नौकरी नही है। चार वर्ष की ऐसी योजना है जिसमे भारतीय सेना में रह कर नौजवान बहुत कुछ सीखींगे और फिर समाज मे आकर अपना योगदान देंगे। अनगिनत सुविधाओं के साथ अनेक रास्ते खोली गए हैं। फिर भी विरोध। ठीक वैसे ही जैसे नागरिकता कानून लागू होने के बाद हुआ।
इस विरोध और विरोध के टूलकिट लगभग वही हैं। पाकिस्तान के लोग भी इस विरोध को देख कर दंग हैं। वहां अलग प्रकार की बहस चल रही है। भारत मे ट्रेन, बस, भाजपा के कार्यालय और बुलडोजर फूंक दिए गए हैं। इनमें बुलडोजर के फूंकने पर ध्यान दीजिए। बुलडोजर यहां एक प्रतीक बन चुका है भारत विरोधी तत्वों पर अंकुश लगाने का योगी आदित्यनाथ सरकार का मॉडल। यह बुलडोजर योगी के पिछले कार्यकाल से ही चर्चा में है। अब सबको समझ मे आ चुका होगा कि ट्रेन आदि के साथ बुलडोजर में आग कौन और क्यों लगा रहा है।
दरअसल अग्निपथ योजना की टाइमिंग कुछ ऐसी हो गयी। उत्तर प्रदेश में बुलडोजर सक्रिय है। काशी में ज्ञानवापी का मुद्दा तेज है। सी ए ए से लेकर किसान आंदोलन और अभी नूपुर शर्मा के विवाद के बाद जुम्मे का जुमला चल ही रहा था कि अग्निपथ का एक ऐसा बहाना मिल गया जिसमें युवाओं को भ्रमित कर इन्वॉल्व किया जा सकता था। यही हुआ। साजिश में जुटे समूह को मौका मिल गया। उन्होंने वही किया जो उनकी योजना है।
अब बात करते हैं अग्निपथ योजना की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वप्निल भारत की सनातन परिकल्पना को सुदृढ़ करने के लिए केंद्र सरकार सेना में युवाओं को भर्ती करने के लिए ‘अग्निपथ प्रवेश योजना’ लागू करने जा रही है। इससे देश के लाखों युवाओं का सेना में भर्ती होने का सपना साकार होगा। इसके तहत थल सेना, नौसेना और वायुसेना के लिए युवाओं की भर्ती की जाएगी। अग्निपथ योजना के तहत युवाओं की भर्ती चार साल के लिए होगी। सेना में शामिल होने वाले जवानों को ‘अग्निवीर’ के नाम से जाना जाएगा। यहां गौर करने वाली बात ये है कि युवाओं के सेना में भर्ती होने के बाद सशस्त्र बलों की औसत उम्र में कमी देखने को मिलेगी। इसके अलावा, सैनिकों के रिटायर होने के बाद सरकार पर पेंशन का पड़ने वाला बोझ भी खत्म हो जाएगा।
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अग्निपथ योजना को टूर ऑफ ड्यूटी (Tour of Duty) भी कहा जा रहा है। यहां गौर करने वाली बात ये है कि सेना में शामिल होने वाले युवाओं को चार साल तक सेवा करने के बाद मोटी रकम के साथ रिटायर किया जाएगा। इसके अलावा, सरकार उनके आगे के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए उन्हें डिप्लोमा और सर्टिफिकेट से नवाजा जाएगा। साथ ही कोरपोरेट समेत अन्य क्षेत्र में काम करने के लिए उनकी मदद भी की जाएगी। ऐसे में आइए अग्निपथ योजना के बारे में विस्तार से जाना जाए। साथ ही इस योजना के तहत किस तरह से सेना में जाने का मौका मिलेगा। इसे विस्तारपूर्वक समझा जाए।
अग्निपथ योजना भारतीय सेना की ‘टूर ऑफ ड्यूटी एंट्री स्कीम’ को दिया गया एक नया नाम है। सशस्त्र बलों ने दो साल पहले टूर ऑफ ड्यूटी योजना पर चर्चा शुरू की थी। इस योजना के तहत सैनिकों को एक शॉर्ट टर्म कॉन्ट्रैक्ट पर भर्ती किया जाना है। भर्ती होने वाले युवाओं को ट्रेनिंग की जाएगी और फिर अलग-अलग फील्ड में तैनात किया जाएगा। ये स्थायी सैनिकों की नियुक्ति करने की मौजूदा प्रथा को खत्म कर देगी और इस तरह सेना में भर्ती होने की योजना में बड़ा बदलाव देखा जाएगा। सशस्त्र बलों के पास स्पेशल वर्क के लिए स्पेशलिस्ट युवाओं की भर्ती करने का ऑप्शन भी होगा। इसके तहत सेना के तीनों विंग में भर्ती की जाएगी।
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अग्निपथ योजना के तहत एलिजिबिलिटी कुछ इस प्रकार है। अग्निपथ के लिए 17.5 साल से 21 साल के बीच के उम्मीदवार आवेदन कर सकेंगे। अब इस वर्ष के लिए आयु सीमा 23 वर्ष कर दिया गया है। आवेदन करने वाले युवा कम से कम 50 फीसदी नंबरों के साथ 12वीं पास होने चाहिए। भर्ती होने वाले युवाओं को छह महीने तक ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके बाद 3.5 साल तक सेना में सर्विस देनी होगी।
भर्ती के लिए अन्य क्राइटेरिया को जल्द ही सरकार द्वारा जारी कर दिया जाएगा। अग्निपथ योजना के तहत शुरुआती वेतन 30,000 रुपये दिया जाएगा। सर्विस के चौथे साल में इसे बढ़ाकर 40 हजार रुपये कर दिया जाएगा। सेवा निधि योजना के तहत सरकार वेतन का 30 फीसदी हिस्सा सेविंग के रूप में रख लेगा। साथ ही इसमें वह भी इतना ही योगदान करेगी। चार साल बाद सैनिकों को 10 लाख से 12 लाख रुपये दिए जाएंगे। ये पैसा टैक्स फ्री होगा। योजना के तहत भर्ती होने वाले युवाओं को देश के अलग-अलग हिस्सों में तैनात किया जाएगा।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं)
(यह लेखक के निजी विचार हैं)