लखनऊ: लखीमपुर हिंसा (Lakhimpur Kheri Violence) के मुख्य आरोपी आशीष मिश्र को इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) ने बड़ी राहत देते हुए जमानत अर्जी को मंजूर कर लिया है। चुनावी मौसम में अजय मिश्र (Ashish Mishra) को जमानत मिलने से यहां की सियासत एकबार फिर गर्म हो गई है। राजनीतिक पार्टियां केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे अजय मिश्र की जमानत को सियासी नफा-नुकसान के नजरिए से देखना शुरू कर दिए हैं।
बता दें कि लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri Violence) के तिकोनिया (ticonia Violence) निघासन विधानसभा क्षेत्र में गत वर्ष 3 अक्टूबर को नए कृषि कानूनों के विरोध में किसानों के एक समूह ने केंद्रीय राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के कार्यक्रम को विरोध किया था। इस दौरान उनके बेटे आशीष मिश्र (Ashish Mishra) से किसानों की झड़प हो गई थी और भागते वक्त उनकी गाड़ी के नीचे आने से चार किसानों की मौत हो गई थी। वहीं इस घटना के बाद हिंसक हुए प्रदर्शनकारियों ने चार लोगों की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। तिकोनिया की इस हिंसा में 4 चार किसानों सहित आठ लोगों की मौत हो गई थी।
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मामले की जांच कर रही एसआईटी ने इसमें केंद्रीय राज्य मंत्री अजय मिश्र के बेटे आशीष मिश्र को मुख्य आरोपी बनाया है। एसआईटी ने आशीष मिश्र (Ashish Mishra) उर्फ मोनू भइया के खिलाफ पांच हजार पन्नों की चार्जशीट दााखिल किया है। इस मामले में 16 लोगों को आरोपी बनाया गया है। 3 अक्टूबर, 2021 को हुई इस घटना को सोची समझी साजिश करार दिया गया है। कुछ लोगों का मानना है कि घटना के वक्त अशीष मिश्र (Ashish Mishra) अगर प्रदर्शनकारियों के हाथ लगा होता तो उसकी भी हत्या हो सकती थी। क्योंकि जितने लोग उनके हाथ लगे सबको उन लोगों ने पीट पीटकर मौत के घाट उतार दिया था। इस घटना में कवर कर रहे एक पत्रकार की भी हत्या कर दी गई थी।
208 लोगों ने दी है गवाही
मामले की जांच कर रही एसआईटी को 17 वैज्ञानिक साक्ष्य, सात भौतिक साक्ष्य और 24 वीडियोज और फोटोज मिले हैं, जो आरोपियों की मुश्किल बढ़ाने वाले हैं। इस मामले में 208 लोगों ने गवाही दी है। इसी आधार पर एसआईटी ने चार्जशीट तैयार की है। गवाहों के मुताबिक घटना के वक्त आशीष मिश्र वहां मौजूदा था। किसानों की तरफ से दी गई तहरीर के आधार पर आशीष मिश्र और उसके साथियों के खिलाफ हत्या, हत्या के प्रयास सहित कई गंभीर धाराओं में मुकदमे दर्ज किए गए हैं।
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