लखनऊ: लखीमपुर में हुई हिंसा (Lakhimpur Violence) के मामले में सबकी निगाहें केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के ऊपर आकर टिक गई हैं। विपक्ष के साथ पार्टीवाद में फंसी कुछ मीडिया अजय मिश्र टेनी (Ajay Mishra) के इस्तीफे की मांग पर अड़े हुए हैं। जबकि सबको पता है कि घटना के वक्त केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र वहां मौजूद नहीं थे। उनके लड़के के शामिल होने की बात सामने आई थी और वह जेल में है। ऐसे में अजय मिश्र टेनी का इस्तीफा क्यों और किस लिए मांगा जा रहा है, यह समझ से परे हैं। जबकि सच यह है कि इस घटना में 8 लोगों की मौत हुई थी, जिसमें गांड़ी से कुचलने से कम मारने से गई लोगों की जान गई थी। भीड़ और विपक्षी दलों का इंसाफ भी निराला है, गाड़ी से कुचलने वाला दोषी और पीट पीट कर हत्या करने वाला निर्दोष बताने की साजिश हो रही है। हालांकि जांच दल अपना काम कर रही है और मामले से जुड़े फरार चल रहे आरोपियों के पोस्टर जारी कर जगह जगह चस्पा करवा दिए हैं।
एसआईटी ने छह आरोपियों के फोटो को एक पोस्टर का रूप देकर जारी किया है। इसे जिले के सभी थानों, महत्वपूर्ण जगहों और सड़क के किनारे चस्पा कराया गया है। पोस्टर में कहा गया है कि आरोपियों के बारे में सूचना देने वालों को इनाम दिया जाएगा। बता दें कि लखीमपुर के तिकुनिया (Tikunia Violence) मोड़ पर 3 अक्टूबर को हुई हिंसा में 8 लोगों की जान चली गई थी। इसमें चार किसानों के साथ तीन बीजेपी कार्यकर्ता और एक पत्रकार शामिल था। इस मामले में पुलिस ने अब तक 10 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। इस मामले में मुख्य आरोपी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष मिश्र को बनाया गया है।
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एसआईटी (SIT) की जरफ से जारी पोस्टर में आरोपियों के बारे में बताने वाले की पहचान गुप्त रखने का दावा किया गया है। बता दें लखीमपुर तिकुनिया हिंसा (Tikunia Violence) में मुख्य आरोपी आशीष मिश्र मोनू की जमानत अर्जी सोमवार को कुछ खामियों के चलते वापस कर दी गई थी। इसके साथ ही अंकित दास, लतीफ उर्फ काले, सत्यम त्रिपाठी, नंदन सिंह बिष्ट सहित पांच अन्य आरोपियों की जमानत अर्जी खारिज कर दी गई थी। बताया जा रहा है यह जमानत अर्जी मामले की पुराने धाराओं में दाखिल की गई थी। ज्ञात हो कि इस मामले में पूरा विपक्ष एकजुट होकर बीजेपी को घेरने की कोशिश कर रही हैं। वहीं पार्टी प्रयोजित एजेंडे पर काम करने वाला मीडिया का एक समूह भी केंद्री गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के इस्तीफे की मांग करने लगा है।
अजय मिश्र टेनी से किस नैतिक आधार पर इस्तीफा मांगा जा रहा है, इसका जवाब किसी के पास नहीं है। जबकि उनके बेटे आशीष के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तारी भी की जा चुकी है। विपक्ष और मीडिया इतना ही फोकस अगर अन्य आरोपियों पर करती तो शायद पीट पीट कर हत्या करने वाले भी सलाखों के पीछे होते।
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