नई दिल्ली: एबी फाउंडेशन ओर से आयोजित “देश के सामने जैविक हमले की चुनौती और उसके लिए हम कितने हैं तैयार” विषयक वेबिनार में मौजूद मुख्य अतिथि केन्द्रीय राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह, लेफ्टिनेंट जनरल विष्णु चतुर्वेदी, मेजर जनरल अजय चतुर्वेदी और मशहूर कार्डियोलॉजिस्ट डाक्टर आनंद पांडेय का अपने उद्बोधन में यह स्पष्ट मानना था कि कोविड-19 दरअसल भारत पर एक तरह से बायोलाजिकल आक्रमण है और इसके प्रतिकार के लिए सभी ने देशवासियों से एकजुट होने का आह्वान किया।
इन सभी वक्ताओं का कहना था कि कोरोना वायरस की दूसरी लहर की भयावहता के चलते आक्सीजन और अस्पतालों में बेड्स की कमी को लेकर मची अफरा तफरी की आलोचना तो ठीक थी। लेकिन राजनीतिक दलों को इसके साथ इस त्रासदी की जड़ को भी समझने की कोशिश करनी चाहिए थी। देशवासियों को इस पर गंभीरता से गौर करना चाहिए था कि आखिर यह दूसरी लहर सिर्फ भारत में ही क्यों? भारतीय उपमहाद्वीप के अन्य सभी देशों में वायरस का इतना भयावह मंजर क्यों नहीं नजर आया? राजनीतिक दलों को देशहित में सरकार की आलोचना के साथ ही विस्तारवादी चीन के इस नापाक इरादे के खिलाफ भी उठ खड़ा होना चाहिए था। मीडिया की इस संवेदनशील मुद्दे पर चुप्पी से भी वक्ताओं ने आश्चर्य जताया।
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वेबिनार मे मुख्य अतिथि भारत सरकार के राज्यमंत्री व पूर्व सेनाध्यक्ष डाक्टर वीके सिंह ने कहा कि कोरोना वायरस एक तरह का जैविक युद्ध है और हमें इसे इसी परिप्रेक्ष्य में लेना होगा। हम सभी इसके शिकार हुए हैं। इसकी काट के लिए हमें तैयारी भी युद्ध स्तर पर करने की जरूरत है। कोई यह न भूले कि यह जंग सिर्फ सरकार की नहीं हम सभी की है और हमे मिलजुल कर लड़ना और इसै जीतना है।
लेफ्टिनेंट जनरल विष्णु चतुर्वेदी ने कोरोना से बचाव तथा वैक्सीनेशन के प्रति जागरूकता कार्यक्रम चलाने की जरूरत बताया तथा साथ ही साथ एक प्रभावी इंटेलिजेंस प्रणाली को, जिसमें मेडिकल तथा बायो लॉजिकल इंटेलिजेंस शामिल हो, लागू करने की जरूरत पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि हमें जापानियों से सीखना चाहिए कि कैसे वे आपदा प्रबंधन को संभालने की उत्कृष्ट क्षमता का परिचय देते हैं। उन्होंने यूनाइटेड नेशन के चार्टर में भी बदलाव करने की जरूरत की वकालत की, जिससे कोई भी देश मानवता के खिलाफ ऐसा कुछ न करें जिससे इस इस तरह की भयावह स्धिति पैदा हो।
उन्होंने भारत में मौजूदा राजनीतिक वातावरण को भी सकारत्मक होने की जरूरत बतायी।
वेबीनार के अगले वक्ता मेजर जनरल अजय चतुर्वेदी ने जहां अपने वक्तव्य में तीन बातों को समाविष्ट करते हुए कहा कि क्या चीन इस कोरोना का अकेला जिम्मेदार देश है या उसके साथ और भी देश या फार्मा कंपनियां शामिल है? भविष्य में इसकी क्या तैयारी होनी चाहिए। इस बात को उन्होंने संबोधन के केंद्र बिंदु में रखा।
उन्होंने इस वायरस से लड़ने के लिए आयुष चिकित्सकों को भी शामिल करने का सुझाव दिया तथा उन्होंने एनडीआरएफ की टीम को भी अधिक विकसित तथा प्रभावी करने की बात की। दिल्ली के वरिष्ठ हृदय विशेषज्ञ डॉ आनंद पांडे ने चिकित्सा तथा उनसे जुड़े अनुसंधान पर खर्च बढ़ाने की जरूरत बताया, तथा bio-research लैबोरेट्री तथा स्ट्रैटेजिक नेशनल भंडारण एवं बैकअप प्लान बनाने की जरूरत पर बल दिया। सेमिनार में संस्था के मार्गदर्शक एवं वरिष्ठ पत्रकार नेशन टुडे के एडिटर इन चीफ पदम पति शर्मा ने अपनी तमाम शंकाओं को वक्ताओं के सामने रखा तथा उनसे इन पर प्रतिक्रिया व्यक्त करने का आग्रह किया।
कार्यक्रम में एबी फाउंडेशन के ट्रस्टी एवं आर्थिक मामलों के जानकार दिल्ली के चार्टर्ड अकाउंटेंट सीके मिश्रा ने जहां संस्था द्वारा किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी वही वेबीनार के मॉडरेटर तथा को मॉडरेटर श्री रवि पांडे व डॉक्टर सुरभि पांडे ने कुशलता के साथ संचालन किया। अंत में संस्था की ओर से कलकत्ता के एडवोकेट श्री आनंद कुमार सिंह ने मुख्य अतिथि के साथ ही सभी वक्ताओं, श्रोताओं, तथा टीम के सभी साथियों का धन्यवाद ज्ञापन करते हुए एक बेहतर भारत बनाने की अपेक्षा की।
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