आचार्य विष्णु हरि सरस्वती
हरियाणा के नूंह शहर में हिन्दुओं के कत्लेआम, हिन्दू महिलाओं के साथ ज्यादतियों और पुलिस थाना जलाने के विषय पर भाजपा के सांसद और केन्द्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह का बयान घातक है, जहरीला है मुस्लिम परस्त है, मुस्लिम हिंसक आबादी को बचाने वाला है और हिन्दुओं को कश्मीर की तरह मेवात से समूल नाश कराने वाला है। कायदे से राव के इस बयान पर भाजपा कार्रवाई कर सकती थी पर अभी तक भाजपा और सरकारी हिन्दू संगठनों का कोई बयान तक नहीं आया है। दंगे का शिकार हिन्दू, हिन्दुओं का कत्लेआम, चार हजार हिन्दूओं को बंधक बना कर मुस्लिम आबादी रखी, फिर भी राव इन्द्रजीत सिंह जैसे भाजपा नेता हिन्दुओं को ही दोषी ठहरा रहे हैं?
केन्द्रीय मंत्री राव इन्द्रजीत सिंह का बयान क्या है, हिन्दुओं को किस तरह से आतंकी, हिन्दुओं को किस तरह से दंगाई कहा? यह भी जान लीजिये। राव इन्द्रजीत सिंह ने साफ कहा कि दंगे के लिए मुस्लिम नहीं बल्कि हिन्दू जिम्मेदार हैं। दंगे की शुरुआत हिन्दुओं ने की थी, हिन्दू मंदिर में पूजा नहीं बल्कि दंगा करने और आतंक फैलाने गये थे। उन्होंने प्रश्नवाचक ढंग से कहा कि मंदिर क्या हिंसक सामग्री रखने की जगह है, फिर डंडे, तलवार और अन्य सामग्रियां लेकर मंदिर क्यों गये थे? मंदिर में तलवार और डंडे की क्या जरूरत थी? मंदिर में जोर-जोर से नारे क्यों लगा रहे थे? राव इन्द्रजीत सिंह से यह प्रश्न पूछा जाना चाहिए था कि अगर हिन्दू हथियार सहित थे, तो फिर मुस्लिम आबादी उन्हें बंधक बनाकर कत्लेआम करने और उन पर हिंसा करने में कामयाब कैसे हो गयी?
केन्द्रीय मंत्री राव इन्द्रजीत सिंह का यह बयान सीधे तौर पर झूठ है और मुस्लिम दंगाइयों को बचाने वाला है। हिन्दू क्या समूह में पूजा करने के लिए भी नहीं जा सकते हैं? क्या लाठी और डंडा भी नहीं रखा जा सकता है? बैनर और झंडों में लाठियां कहां नहीं होती हैं? क्या हिन्दुओं ने मुसलमानों पर हमले किये थे? क्या हिन्दुओं ने मुसलमानों पर किसी भी प्रकार की अपमानित करने वाली प्रक्रिया चलायी थी। अपने धर्म की जोर-जोर से जयकारा कौन नहीं लगाता है? मुहर्रम में क्या मुसलमान हथियार सहित नहीं होते हैं, क्या मुस्लिम समूह में नमाज नहीं पढ़ते हैं? पर ये सभी बातें राव इन्द्रजीत सिंह को कौन समझाये?
राव इन्द्रजीत सिंह जैसे भाजपा नेताओं के कारण ही मेवात के हिन्दू प्रताड़ित हैं और मुस्लिम हिंसा के शिकार हैं। आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि मुस्लिम आबादी ने अपने आतंक के बल पर हिन्दुओं को मेवात से भागने के लिए मजबूर कर रही है, मुस्लिम आबादी का यह अभियान जारी है। अब तक मेवात क्षेत्र के 50 से अधिक गांव हिन्दू विहीन कर दिये गये। हिन्दुओं को मुस्लिम बनने के लिए बाध्य किया गया और हिन्दुओं को मेवात छोड़कर भागने के लिए मजबूर किया गया। यह काम कांग्रेसी सरकारों के दौरान तो हुआ ही पर भाजपा की मनोहर लाल खट्टर के शासनकाल में भी हुआ है। मनोहर लाल खट्टर की सरकार ने मुस्लिम आबादी के इस अभियान को रोकने तक की कोशिश नहीं की है। राव इन्दजीत सिंह जैसे भाजपा नेता इस पर कभी नहीं बोलते कि मुस्लिम आबादी आतंकवाद के बल पर हिन्दुओं को खदेड़ने के लिए क्यों अभियानरत रहती है?
मेवात का क्षेत्र कश्मीर बनने की राह पर अग्रसर है। कश्मीर में इसी तरह मुस्लिम आबादी अभियानरत थी। सबसे पहले पूजा स्थलों पर हमला होता है, डर का वातावरण बनाया जाता है। नूंह में भी मुस्लिम आबादी इसी तरह का हथकंडा अपनायी है। मुस्लिम आबादी मूर्ति पूजा को इस्लाम के खिलाफ मानती है। मुस्लिम आबादी को यह स्वीकार ही नहीं है कि उनके इलाके और उनके सामने कोई मूर्ति पूजा करे। मूर्तिपूजा को देखते ही मुस्लिम आबादी का खून खौल जाता है। मुस्लिम आबादी एक संदेश भी देना चाहती थी कि इस इलाके में मूर्तिपूजा बंद करो। अगर मूर्तिपूजा बंद नहीं की तो फिर हस्र भी इसी तरह का होगा और कत्लेआम भी इसी तरह का होगा।
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पुलिस तो मूकदर्शक थी पर पुलिस थाने क्यों जलायी मुस्लिम आबादी? पुलिस पर हमले कैसे की मुस्लिम आबादी? मुस्लिम आबादी के पास मिनटों-मिनट में हथियार कहां से आये? गोलियां चलाने वाले हथियार होने का सीधा अर्थ है कि तैयारी पहले से थी और अब बचाव में हिन्दुओं को गुनहगार बनाया जा रहा है। अभी कुछ दिन पूर्व ही हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने मौलवियों का वेतन बढ़ाया था और मौलवियों को शिक्षा का मसीहा बताया था। प्रतीक बताया था। जबकि मौलवियों के हाथ हिन्दुओं के खून से रंगे हुए हैं। मेवात से हिन्दुओं को भगाने और दंगा फैलाने में मौलवियों का शामिल होना और मुस्लिम आबादी को हिंसा के लिए प्रेरित करने में मौलवियों की करतूत कौन नहीं जानता है। केन्द्रीय मंत्री राव इन्द्रजीत सिंह और मनोहर खट्टर जैसे भाजपा के नेता हिन्दुओं के बल पर जीतते हैं पर मुस्लिम परस्ती ही दिखाते हैं। राव इन्द्रजीत सिंह द्वारा हिन्दुओं को ही दोषी ठहराने का बयानबाजी कितनी मुस्लिम परस्ती रखती है, यह जगजाहिर है। फिर इनकी राजनीति चलती रहेगी, क्योंकि इनकी करतूत को हिन्दू याद ही नहीं रखेंगे।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं।)
(यह लेखक के निजी विचार हैं।)
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